पंजाब में कांग्रेस की सरकार जिस तरह माफिया डॉन मुख्तार अंसारी के पक्ष में खुलकर खड़ी है‚ उसी तरह का माहौल आज से चार साल पहले तक उत्तर प्रदेश में भी था। जनभावनाओं से बेपरवाह सरकारें वोट बैंक की राजनीति के लिए बिल्कुल इसी तरह से अपराधियों के पक्ष में खुलकर खड़ी होती थीं‚ जैसे पंजाब में कैप्टन की कांग्रेस सरकार खड़ी है। कांग्रेस सरकार मुख्तार अंसारी को किसी भी कीमत पर उत्तर प्रदेश नहीं भेजना चाहती है‚ बल्कि उसकी सरकारी मशीनरी माफिया के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट तक लड़ने को उतावली है। यही कांग्रेस का असली चरित्र है‚ कि वह जनता की अपेक्षाओं से बेपरवाह एक अपराधी के पक्ष में बिना किसी लोक लाज के खड़ी हो गई है।
उप्र में कांग्रेस से लड़ने का दावा करने वाले दल और सरकारें भी एक दौर में इसी चरित्र को आत्मसात कर चुकी हैं। उन्हें जनता से ज्यादा इन माफियाओं की चिंता रही है‚ तभी मुख्तार अंसारी‚ अतीक अहमद‚ खालिद अजीम उर्फ अशरफ‚ डीपी यादव‚ धनंजय सिंह‚ अभय सिंह‚ हरिशंकर तिवारी‚ अमरमणि त्रिपाठी‚ विजय मिश्रा‚ अफजाल अंसारी जैसे कुख्यात लोग इन दलों की सरपरस्ती में पल–बढ़कर ताकतवर बन गए। अपराध को जब सियासत का खुला साथ मिला तो पुलिस समेत तमाम सुरक्षा मशीनरी के हौसले पस्त हो गए। जनता में इस कदर भय व्याप्त हो गया कि माफिया लोगों के रोल मॉडल बनने लगे। युवाओं को माफियागिरी तरक्की की राह नजर आने लगी। इस रोग से उप्र में एक भी दल अछूता नहीं रहा।
सपा‚ बसपा‚ कांग्रेस के टिकट पर तमाम माफिया चुनाव लड़े तो भाजपा ने अमरमणि त्रिपाठी और हरिशंकर तिवारी जैसों का साथ सरकार चलाने में लिया। कभी लखनऊ जेल में बैठकर साम्राज्य चलाने वाले मुख्तार अंसारी को अब यूपी में आने से डर लग रहा है‚ तो यह बड़ा बदलाव है। इस बदलाव का कारण है उत्तर प्रदेश में चल रहा योगीराज। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने कठोर फैसलों से यह अंतर पैदा किया है। उन्होंने अन्य राजनेताओं की तरह कथनी और करनी में फर्क नहीं रखा है‚ बल्कि उन्होंने साबित किया है कि जो वह कहते हैं‚ उसे करते भी हैं। उन्होंने यह कर दिखाया है कि अब यूपी में अपराधियों के लिये केवल जेल ही सुरक्षित जगह है। अपराधियों के लिए सीधा फरमान है कि या तो वह जेल में रहें या फिर प्रदेश की सीमा से बाहर। जो अपराधी इन दोनों अघोषित बातों का उल्लंघन कर अपराध करने की हिमाकत कर रहे हैं‚ देर सवेर उन्हें इसकी कीमत भी चुकानी पड़ रही है। यह योगीराज का कमाल है कि जो अपराधी कभी आम लोगों के लिये भय का कारण बनते थे‚ आज वह खुद भयभीत हैं। यह भय पर जय की शंखनाद है। जनता में भय का कारण बने अपराधी अब जेल के भीतर रहना चाहते हैं या फिर प्रदेश से बाहर रहकर मुख्तार अंसारी की तरह राजनीतिक संरक्षण लेने की कोशिश कर रहे हैं। इन अपराधियों को यूपी में आने से भय लग रहा है। योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में अपराध एवं अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रखी है।
बीते दो सालों में तो अपराधियों का समूल नष्ट करने में योगी सरकार जी–जान से जुटी हुई है। केवल उनके आतंक को ही खत्म नहीं किया जा रहा है‚ बल्कि अवैध तरीके से किए गए धर्नाजन पर भी चोट हो रहा है। बीते कुछ दिनों में सरकार ने करोड़ों की सरकारी जमीन इन माफियाओं से मुक्त कराने के साथ इनके अरबों के अवैध निर्माण को भी ध्वस्त किया है। ऐसा नहीं है कि योगी आदित्यनाथ के लिए इतना बड़ा अभियान चलाना और यह फैसला करना बहुत आसान या सहज रहा है‚ उनकी राह में विपक्षियों–विरोधियों के साथ तमाम अपनों ने भी बहुत बाधा खड़ी की है। योगी के खिलाफ साजिशें रची गइ‚ बेबुनियाद आरोपों की कहानियां फैलाई गइ‚ लेकिन ईमानदारी एवं मजबूत इच्छाशक्ति की बदौलत योगी इन मुश्किलों से पार निकलकर माफियाओं पर व्रजपात बनकर टूट रहे हैं। अपराध को शून्य पर लाना किसी भी सरकार के लिए संभव नहीं है‚ लेकिन संगठित अपराध को जड़ से हिला देना योगी सरकार की बड़ी उपलब्धि है। उत्तर प्रदेश की पुलिस ने अपराधियों के खिलाफ लगातार अभियान चलाया है।
योगी सरकार के शपथ लेने के बाद से अब तक १२५ से ज्यादा अपराधी मुठभेड़ में मारे गए तथा २६१० से ज्यादा अपराधी पुलिस की गोलियों से घायल हुए हैं। पुलिस ने ९५८० से ज्यादा ईनामी अपराधियों को अरेस्ट कर सलाखों के पीछे पहुंचाया है। योगी सरकार के कार्यकाल में गैंगस्टर एक्ट के तहत ३४‚२१७ अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। गैगस्टर अधिनियम के अंतर्गत कुल ५९६ करोड़ रु पये मूल्य की चल–अचल संपत्तियों के जब्तीकरण की कार्रवाई भी सुनिश्चित की गई है। सरकारी तंत्र केवल अपराधियों को जेल में डालकर ही अपनी जिम्मेदारी पूरी नहीं कर रहा है बल्कि इनको आर्थिक मजबूती देने वाली जड़ों को भी खोदा जा रहा है। पुलिस के साथ एसटीएफ भी संगठित अपराधियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर उनकी कमर तोड़ रहा है। एसटीएफ ने भी ११ दुदात इनामी अपराधियों को मार गिराने के साथ ६४८ कुख्यात इनामी बदमाशों को अरेस्ट किया है। एटीएस एवं एसटीएफ की संयुक्त दक्षता है कि योगी सरकार आने के बाद राज्य में अब तक एक भी आतंकी घटना घटित नहीं हुई है। शासन स्तर से चिह्नित २५ तथा पुलिस मुख्यालय स्तर पर चिह्नित ०८ माफिया अपराधियों एवं उनके गिरोह के सदस्यों व सहयोगियों के विरु द्ध प्रदेश में प्रभावी कार्रवाई करते हुए १५० से अधिक शस्त्र लाइसेंस निरस्त किए गए हैं।
योगी सरकार की अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई का असर है कि राज्य में निवेशकों का विश्वास और भरोसा बढ़ रहा है। उत्तर प्रदेश से संगठित आपराधिक गिरोहों का खात्मा केवल कानून–व्यवस्था की बेहतरी का प्रमाण नहीं है बल्कि यह राज्य के विकास का भी पैमाना है। अपराधियों का भय खत्म होने से छोटे–मझोले स्तर के उद्योगपति यूपी में निवेश करने को प्रोत्साहित होंगे‚ क्योंकि यह राज्य देश का सबसे बड़ा बाजार है। यह उप्र की खुशकिस्मती है कि उसे पहली बार ऐसा लीडरशिप मिला है‚ जिस पर चार साल बाद भी किसी प्रकार के भ्रष्टाचार का आरोप नहीं है और जो फैसले लेने में रंच मात्र भी हिचकता नहीं है।