प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी दूसरे चरण में कोरोना वैक्सीन लगवाएंगे. वैक्सीनेशन के दूसरे चरण में प्रधानमंत्री और राज्यों के मुख्यमंत्री को कोरोना का टीका लगाया जाएगा. आम लोगों में वैक्सीन के प्रति भरोसा जगाने के लिए प्रधानमंत्री और बाकी नेता वैक्सीन लगवाएंगे. बता दें कि टीकाकरण की शुरुआत वाले दिन खुद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि वैक्सीन के दूसरे चरण में 50 साल से ऊपर के लोगों को वैक्सीन लगायी जाएगी. इसी के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी टीका लगवाएंगे.
इसके साथ ही जानकारी है कि देश के अन्य बड़े चेहरे भी जैसे गृहमंत्री अमित शाह, अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री, राज्यपाल और मंत्रिमंडल के दूसरे सदस्य भी टीका लगवाएंगे. 50 साल से ऊपर से सभी सांसदों और विधायकों को भी कोरोना वैक्सीन दी जाएगी. दूसरे चरण में सुरक्षा बलों के जवानों और 50 साल से ऊपर के लोगों को टीका दिया जाएगा. फिलहाल यह साफ नहीं है कि देश में दूसरा चरण कब से शुरू होगा.
देश में फिलहाल कोरोना टीकाकरण का पहला चरण चल रहा है. इस चरण में स्वास्थ्य कर्मियों और फ्रंट लाइन वर्कर्स को टीका दिया जा रहा है. पहला चरण जोर शोर से लॉन्च होने के बाद भी आम लोगों में वैक्सीन को लेकर डर का माहौल है. इसी डर को दूर करने और लोगों में वैक्सीन के प्रति भरोसा बढ़ाने के लिए अब प्रधानमंत्री समेत अन्य लोग वैक्सीन लगवाएंगे.
वैक्सीन को लेकर विपक्ष के निशाने पर थे पीएम
बता दें कि कोरोना वैक्सीन ना लगवाने को लेकर प्रधानमंत्री मोदी विपक्ष के निशाने पर थे. कांग्रेस, बीएसपी, आरजेडी समेत तमाम दलों ने पीएम मोदी के टीका ना लगवाने को मुद्दा बनाया था. कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने तो वैक्सीन की मंजूरी प्रक्रिया पर ही सवाल उठा दिए थे. यूपी के सहारनपुर से बीएसपी सांसद हाजी फजलुर्रहमान ने कहा कि सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी पूरी कैबिनेट कोरोना वैक्सीन का ट्रायल अपने ऊपर कराए। आरजेडी नेता तेज प्रताप यादव ने कहा था कि पहले PM मोदी लगवाएं कोरोना का टीका, फिर हम लगवाएंगे.
पीएम ने नेताओं से कहा था- लाइन तोड़कर ना लगवाएं वैक्सीन
कोरोना वैक्सीन ड्राइव लॉन्च करने से पहले राज्यों के मुख्यमंत्रियों से चर्चा के दौरान पीएम मोदी ने नेताओं को सख्त नसीहत दी थी. उन्होंने कहा था कि आप लोग लाइन तोड़कर वैक्सीन ना लगवाएं. उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों को सबसे पहले वैक्सीन नहीं दी जाएगी उनका जब नंबर आएगा तो उन्हें वैक्सीन दी जाएगी. लिहाजा वो अपने रसूख का इस्तेमाल करके लाइन तोड़ने की कोशिश न करें.
नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ वी के पॉल ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि कोविशील्ड और कोवैक्सीन, दोनों टीके सुरक्षित हैं और इन्हें बनाने में बहुत कोशिशें की गई हैं. उन्होंने कहा कि दु:ख की बात है कि स्वास्थ्य कर्मी, विशेष रूप से डॉक्टर और नर्स इसे लगवाने से मना कर रहे हैं.
पॉल ने कहा, ‘‘अगर हम टीका नहीं लगवा रहे हैं हम अपनी सामाजिक जिम्मेदारी को पूरा नहीं कर रहे. पूरी दुनिया एक टीके के लिए शोर मचा रही है. मेरा आपसे अनुरोध है कि कृपया टीका लगवाएं.” उन्होंने कहा, ‘‘टीके को लेकर संकोच समाप्त होना चाहिए क्योंकि कोविड-19 टीकाकरण हमें इस महामारी को समाप्त करने की दिशा में ले जा रहा है.”पॉल ने बताया कि उन्होंने खुद कोवैक्सीन का टीका लगवाया है. केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि हर देश में टीकों को लेकर झिझक की बात सामने आती रही है लेकिन कोविड-19 के मामले में यह संकोच थोड़ा ज्यादा है. भूषण ने कहा कि पोलियो और मीसल्स-रुबेला के टीकों के मामले में भी यह झिझक देखी गई. पॉल ने कहा, ‘‘अच्छा संवाद, तथ्यों को समझना और इसे लगवाना आपकी अपने लिए और समाज के लिए जिम्मेदारी है.”