भारत से भूटान और मालदीव भेजी गई कोरोना टीके की पहली खेप पहुंच गई। भारत ने सहायता अनुदान के तहत पड़़ोसी एवं सहयोगी देशों को कोविड़–१९ के टीके की आपूर्ति बुधवार को शुरू कर दी और इस श्रृंखला में भूटान और मालदीव को टीके की खेप भेजी गई। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने ट्वीट किया‚ “भारत ने पड़़ोसी एवं सहयोगी देशों को कोविड़–१९ के टीके की आपूर्ति शुरू कर दी। पहली खेप भूटान के लिए रवाना हो गई।” प्रवक्ता ने ट्वीट के साथ चित्र भी साझा किया। उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा‚ ‘मालदीव के लिए कोविड़ टीके की खेप रवाना हुई।’
गौरतलब है कि मंगलवार को विदेश मंत्रालय ने कहा था कि भारत सहायता अनुदान के तहत भूटान‚ मालदीव‚ बांग्लादेश‚ नेपाल‚ म्यांमा‚ सेशेल्स को कोविड़–१९ के टीके की आपूर्ति करेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ट्वीट में कहा था कि भारत वैश्विक समुदाय की स्वास्थ्य सेवा जरूरतों को पूरा करने के लिए ‘भरोसेमंद’ सहयोगी बनकर काफी सम्मानित महसूस कर रहा है और बुधवार से टीकों की आपूर्ति शुरू होगी तथा आने वाले दिनों में और काफी कुछ होगा।
कई देशों ने भारत से किया है संपर्क
भारत दुनिया के बड़़े टीका निर्माताओं में से एक है और कोरोना वायरस का टीका खरीदने के लिए काफी देशों ने सम्पर्क किया है। समझा जाता है कि पाकिस्तान को इसका फायदा नहीं मिलेगा‚ क्योंकि अभी तक इस पड़़ोसी देश ने भारत से सम्पर्क नहीं किया है। भारत इस संबंध में श्रीलंका‚ अफगानिस्तान और मारिशस से टीके की आपूर्ति के लिए जरूरी नियामक मंजूरी की पुष्टि की प्रतीक्षा कर रहा है।
भारत ने कोरोना वायरस वैक्सीन गिफ्ट के तौर पर 6 पड़ोसी देशों को भेज दी है. आने वाले दिनों में भी भारत घरेलू जरूरतों को ध्यान में रखते हुए साझेदार देशों को कोरोना वैक्सीन की आपूर्ति करता रहेगा. चीन और पाकिस्तान से तनावपूर्ण रिश्तों के बीच अपने पड़ोसी देशों को भारत की वैक्सीन सप्लाई का मकसद मानवीय के साथ-साथ कूटनीतिक संबंधों को और मजबूत करना भी है.
भूटान, मालदीव, बांग्लादेश, नेपाल, म्यांमार और सेशेल्स को तोहफे के तौर पर भारत ने वैक्सीन भेज दी है. वैक्सीन की सप्लाई से पहले प्रशासनिक और ऑपरेशनल पहलू को ध्यान में रखते हुए इन देशों के लोगों को ट्रेनिंग भी दी गई. भारत की वैक्सीन हासिल करने वाले देशों में भूटान पहला है जिसे कोविशील्ड की एक लाख 50 हजार वैक्सीन मुहैया कराई गई हैं. जबकि मालदीव को 1 लाख वैक्सीन भेजी गई हैं. वहीं नेपाल को 10 लाख और बांग्लादेश को 20 लाख वैक्सीन भेजी गई हैं. श्रीलंका, अफगानिस्तान और मॉरीशस में वैक्सीन सप्लाई को लेकर भारत को इन देशों की मंजूरी का इंतजार है.
कोरोना काल में भी पड़ोसियों की मदद के लिए आगे था भारत
भारत ने कोरोना काल के दौरान भी पड़ोसी देशों को तोहफे के तौर पर हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन, रेमेडेसीवरऔर पैरासिटामोल टैबलेट के अलावा मेडिकल उपकरण भी मुहैया कराए थे. ऐसे में कोरोना के खिलाफ अंतिम लड़ाई में पड़ोसी देशों को फ्री वैक्सीन की सप्लाई, भारत को अपने पड़ोसी देशों के साथ संबंधों को और मजबूत करने में मदद करेगी.
लेकिन गौर करनेवाली बात है कि पाकिस्तान की तरफ से अभी तक वैक्सीन का अनुरोध नहीं किया गया है और उसने चीन की वैक्सीन को आयात के लिए मंजूरी दी है. हालांकि पाकिस्तान की नजर भी भारतीय वैक्सीन पर है. क्योंकि भारत की वैक्सीन दूसरे देशों के मुकाबले कम कीमत पर उपलब्ध होगी.