रूपेश कुमार सिंह हत्याकांड में डीजीपी संजीव कुमार सिघल ने बड़ा बयान देते हुए साफ कहा है कि रूपेश की हत्या एयरपोर्ट पार्किंग ठेका को लेकर हुई है. उन्होंने मीडिया को बताया कि एयरपोर्ट पार्किंग ठेका को लेकर बड़ा विवाद चल रहा था. उनके परिवार कर कई लोग कई ठेके में शामिल थे. हालांकि हर एंगल से पुलिस जांच कर रही है. उन्होंने बताया कि सीएम नीतीश कुमार ने हर बात की गहराई से जानकारी ली है.
उन्होंने कहा कि रूपेश हत्याकांड में पुलिस जांच अंतिम दौर में पहुंच चुकी है और जल्द बड़ा खुलासा होगा. बाहर से कांट्रेक्ट किलर को बुलाकर हत्या की गई थी. इस मामले में हर पहलू को बारीकी से जांच की जा रही है. जल्द खुलासा देखने को मिलेगी. इसको लेकर सारी जनाकारी सीएम नीतीश कुमार को दे दी गई है.
डीजीपी ने कहा कि परिवार के सदस्यों को मिलने वाले टेंडर मामले की भी सख्ती से जांच हो रही है. एयरपोर्ट पार्किंग ठेकेदारी और पारिवारिक ठेके दो मामलों पर जांच चल रही है. यही दो मामले हैं जिसके कारण हत्या होने की आशंका है.
बता दें कि गत 12 जनवरी को पटना के पुनाइचक में हुई इस सनसनीखेज वारदात को लेकर सियासी घमासान लगातार जारी है. विपक्ष खास तौर पर आरजेडी लगातार नीतीश कुमार सरकार पर निशाना साध रही है। वहीं खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर बिहार पुलिस लगातार जांच में जुटी हुई है.
वारदात के छठे दिन पुलिस की टीम सोमवार को बेऊर जेल दोबारा पहुंची। पुलिस जिन संदिग्धों को पूछताछ के लिए लायी थी‚ उन से ही लिंक मिलने के बाद पुलिस बेऊर जेल गयी थी। लेकिन फिर पुलिस का खाली हाथ ही लौटना पडा। वारदात के खुलासे में शूटरों के नहीं पकडे़ जाने के कारण ही मामला अटक गया है। शूटरों के धरे जाने के बाद पुलिस साजिशकर्ता को भी बेनकाब कर लेगी लेकिन हाथ–पैर मारने के बाद भी पुलिस को यह नहीं पता लग पा रहा कि शूटर कहां छुपे बैठे हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, एसआईटी की ये टीम जिले में विभाग के कार्यपालक अभियंता से टेंडर से जुड़ी जानकारी हासिल करेगी कि क्या रूपेश की हत्या का तार टेंडर के विवाद से जुड़ा हुआ है या नहीं? यही नहीं वहां के संबंधित अधिकारियाें व कर्मियाें से पूछताछ करेगी. एसआईटी इस बात काे खंगालेगी कि रूपेश के भाई और उनके एक करीबी रिश्तेदार काे टेंडर मिला या नहीं. अगर मिला ताे किसने दिलाया और जिसे टेंडर नहीं मिला, वे लाेग काैन हैं?.
डीआरआई से भी संपर्क करेगी एसआईटी
सूत्राें के अनुसार, एसआईटी अपने जांच की दिशा काे बेउर जेल में बंद साेना के तस्कर की ओर भी कर रही है. उसे डीआरआई ने दाे महीने पहले पटना एयरपाेर्ट पर पकड़ा था. दरअसल, यह बात चर्चा में है कि जाे तस्कर अहमदाबाद से फ्लाइट से पटना आने के बाद एयरपाेर्ट पर दिल्ली उड़ान भरने से पहले पकड़ा गया, उसे रूपेश के टिप्स पर डीआरआई ने गिरफ्तार किया. तस्कर के पास से करीब 15 लाख का साेना बरामद किया गया था. पुलिस काे शक है कि साेने के तस्करी से जुड़े लाेगाें ने इसी का कहीं बदला ताे नहीं ले लिया.
स्थानीय शूटरों का हो सकता है हाथ
सूत्रों की मानें, तो उसे करीब से जानने वाले ने ही उसकी हत्या का कॉन्ट्रैक्ट लिया है. मामले में यह भी बात सामने आ रही है कि यह हत्या में रुपये के लेनदेन का विवाद हो सकता है. यह रुपये टेंडर का हो या फिर किसी और काम का. एसआइटी की जांच में कई लोगों के नाम सामने आये हैं.
सीसीटीवी से मिले अहम सूराग
सूत्रों के अनुसार, रूपेश सिंह घटना के दिन ड्यूटी निबटा कर निकले थे. इसके बाद उन्होंने शेखपुरा के समीप एक दुकान से शर्ट खरीदा था और उसे गाड़ी की पिछली सीट पर रखने के बाद घर की ओर रवाना हो गये थे. उस दुकान में अंदर और बाहर सीसीटीवी कैमरा लगा था.
पुलिस ने उस दुकान के दुकानदार से पूछताछ की और फिर वहां लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज को खंगाला. सूत्रों के अनुसार इस दुकान के सीसीटीवी कैमरे में पुलिस को अहम जानकारियां हाथ लगी है और उसके आधार पर एसआइटी की जांच को गति मिली है. जिस कारण यह माना जा रहा है कि अब एसआइटी केस को सुलझाने के महज चंद कदमों की दूरी पर है.
मर्डर से पहले कई दिनों से चल रहा था प्लान
पुलिस सूत्रों के अनुसार यह बात सामने आयी है कि जो मर्डर करने वाले हैं और जो कराने वाले हैं, वे सभी कई दिनों से इस वारदात के बारे में प्लान कर रहे थे. अपराधियों को इस बात की पल-पल जानकारी दी जा रही थी कि अभी वह गोवा में वीकेंड पर गये हैं.
आज आयेंगे कब कितने बजे ऑफिस जायेंगे? उनके किसी अपने द्वारा अपराधियों को जानकारी मिल रही थी. सूत्रों की मानें, तो अपराधियों को पकड़ने में सबसे अहम भूमिका व्हाट्सएप कॉलिंग व डंप डाटा हो सकता है.
नौकरी से निकाले गये कर्मी से भी पूछताछ
एसआइटी ने नौकरी से निकाले गये एयरपोर्ट कर्मी से भी पूछताछ की. उक्त कर्मी को रूपेश सिंह ने करीब एक माह पहले हटा दिया था. यह मूल रूप से यूपी के गोरखपुर कारहने वाला है.
पुराने क्रिमिनल को पुलिस ने उठाया, लाइनर होने की आशंका
इंडिगो एयरलाइंस के पटना एयरपोर्ट के स्टेशन मैनेजर रूपेश सिंह हत्याकांड में एसआइटी ने पुनाईचक से एक पुराने क्रिमिनल को उठाया है. इस पर लाइनर होने की आशंका जाहिर की जा रही है. एसआइटी उससे पूछताछ करने में लगी है.
सूत्रों के अनुसार, उक्त क्रिमिनल पटना शहर के एक कुख्यात का पूर्व में शागिर्द रहा है और गिरोह का शार्प शूटर भी रहा है. कुख्यात को पटना पुलिस शराब तस्करी और अन्य संगीन आपराधिक वारदातों के मामले में कई दिनों से खोज रही थी.
इस कुख्यात के इशारे पर उठाये गये क्रिमिनल ने जक्कनपुर, मीठापुर, बस स्टैंड में कई घटनाओं को अंजाम दिया है. सूत्रों का कहना है कि एसआइटी को उससे कई अहम जानकारियां हाथ लगी हैं.
कुख्यात का नाम आया था शराब तस्करी में
पटना के उक्त कुख्यात का नाम जक्कनपुर इलाके में हुए बड़ी मात्रा में शराब की बरामदगी में आया था. इसके बाद से कुख्यात फरार है और उसके गिरोह के तमाम सदस्य अंडरग्राउंड हो चुके हैं.
घटना का न काेई चश्मदीद और न परिजनाें ने कुछ बताया
पुलिस के लिए सबसे बड़ी मुश्किल की बात यह है कि घटना का काेई चश्मदीद नहीं हैं. घटना के दिन यानी 12 जनवरी काे कुसुम विलास अपाटमेंट के गेट पर गार्ड मनाेज भी नहीं था. इसी अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 303 में वे रहते थे. यही नहीं परिजनाें से भी पुलिस छपरा जाकर पूछताछ कर चुकी है. उन्हाेंने भी किसी से दुश्मनी हाेने की बात से इनकार कर दिया. रूपेश के बड़े भाई ने शास्त्रीनगर थाना में जाे केस दर्ज कराया वह भी अज्ञात के खिलाफ है.
इंडि़गो के स्टेशन मैनेजर रूपेश सिंह की हत्या गत मंगलवार की शाम उस वक्त कर दी गयी थी‚ जब वे कार्यालय से पुनाईचक स्थित अपने आवास लौट रहे थे। पुनाईचक के कुसुम विलास अपार्टमेंट के गेट पर ही उन्हें गोलियों से भून दिया गया था। उनके शरीर से सात गोलियां निकली थीं। वारदात के बाद एसआईटी का गठन किया गया। पुलिस टीम ने एयरपोर्ट से जुड़े़ दो विवादों पर छानबीन की। उसके बाद पुलिस को बेली रोड़ के एक खास की तलाश थी। पुलिस सूत्रों ने बताया कि बेली रोड़ निवासी खास घटना के बाद से शहर में नहीं दिखाई पड़़ रहा था‚ लेकिन अब वह शहर में है। उससे भी पुलिस ने पूछताछ की तो पता चला कि उनके परिवार में एक के निधन के कारण वह पटना से बाहर थे। पुलिस सूत्रों के मुताबिक पुलिस तमाम विवादों पर एक के बाद एक जांच कर रही है। शूटरों तक पहुंचने के लिए लोकल लिंक के बदमाशों से पूछताछ की गयी। पुलिस सूत्रों के मुताबिक लोकल लिंक के बगैर इस तरह की वारदात को अंजाम देना मुश्किल है।
पुलिस सूत्रों की मानें तो जिस तरीके से वारदात को अंजाम दिया गया‚ उसमें लोकल लिंक की मदद से इनकार नहीं किया जा सकता। पुलिस टीम को शंका है कि बदमाश वारदात को अंजाम देने के बाद मौके पर मौजूद अपने अन्य साथी को हथियार थमाकर भाग निकले। पुलिस टीम ने शूटरों तक पहुंचने के लिए वारदात के तीसरे दिन बेऊर जेल में एक गिरोह के सरगना से पूछताछ की लेकिन इस वारदात में उसकी या उसके गुर्गों की संलिप्तता के बारे में पूछताछ कर लौट आयी थी। रविवार को इस मामले में पूछताछ के लिए लाए गये एक संग्दिध से कुछ लिंक मिलने के बाद एसआईटी सोमवार की सुबह फिर बेऊर जेल गयी। वहां शातिर से पूछताछ कर लौट आयी। पटना पुलिस बदमाशों तक पहुंचने के लिए अब भी तीन–चार संदिग्धों से पूछताछ कर रही है।
समय सीमा नहीं‚ होगा खुलासाः एसएसपी
पटना के एसएसपी उपेन्द्र शर्मा ने बेऊर जेल में एसआईटी के जाने की बात पर कहा कि पुलिस कई स्थानों पर और कई लोगों से पूछताछ कर रही है। अभी कुछ बताने लायक नहीं है। एक प्रश्न के उत्तर में एसएसपी ने कहा कि मामले के खुलासे में टाइम लिमिट नहीं होगा। पटना पुलिस इस मामले का खुलासा कर लेगी। वक्त लग रहा है‚ लेकिन सफलता मिलेगी।