बिहार‚ दिल्ली‚ एनसीआर समेत उत्तर भारत के राज्यों राजस्थान‚ हरियाणा व पंजाब में ठंड़ और धुंध ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है। पटना समेत बिहार में इन दिनों भीषण शीतलहर से जन जीवन अस्त व्यस्त है। राज्य के कई जिलों में घने कोहरे की वजह से दृश्यता पचास मीटर से भी कम पहुंच गई है। इसके कारण रेल‚ वायु और सड़़क यातायात प्रभावित हो रहा है। वहीं दिल्ली में रविवार को न्यूनतम तापमान ५.७ डि़ग्री सेल्सियस तक गिर गया। हालांकि अच्छी बात यह है कि भारत मौसम विभाग (आईएमड़ी) के मुताबिक अगले दो दिन में हवाओं की दिशा बदलने की वजह से तापमान में वृद्धि हो सकती है। उत्तर प्रदेश में सर्दी के साथ कोहरे की स्थिति बनी हुई है। राज्य में १९ और २० जनवरी को भी कोहरे की भविष्यवाणी की गई है। दिल्ली में पूर्वी दिशा से आने वाली हवाएं बह रही है‚ जो बर्फ से ढøके पश्चिमी हिमालय से आने वाली ठंड़ी उत्तर पश्चिमी हवाओं के मुकाबले अधिक सर्द नहीं होती हैं। इसलिए दो दिनों में न्यूनतम तापमान में कुछ वृद्धि होने की उम्मीद है। उधर‚ राजस्थान के अनेक हिस्सों में रात के न्यूनतम तापमान में गिरावट आई है। शनिवार रात राज्य का पिलानी १.४ डि़ग्री सेल्सियस तापमान के साथ सबसे सर्द रहा। इसी तरह‚ चुरू में १.९‚ गंगानगर में २.५‚ जैसलमेर में ६.१ ‚ बीकानेर में ६.३ और अलवर में पारा ७.४ डि़ग्री दर्ज किया। बहुत से इलाकों में आज सुबह घना कोहरा छाया रहा।
सूबे में पिछले एक सप्ताह से जारी हाड़़ कंपाने वाली ठंड़ कमने का नाम नहीं ले रहा। बिहार समेत पूरे उत्तरी भारत में इन दिनों भीषण शीतलहर से जन–जीवन अस्त–व्यस्त है। पिछले कई दिनों से यहां भीषण शीतलहर की स्थिति बनी हुई है। प्रत्येक दिन यहां का अधिकतम एवं न्यूनतम तापमान के बीच का फासला सिमटता जा रहा है‚ जिससे सुबह से लेकर शाम तक एक पल के लिए भी लोगों को ठंड़ से राहत नहीं मिल पा रही है। रविवार को भी यहां का अधिकतम तापमान १७ डि़ग्री से नीचे तथा न्यूनतम तापमान १० डि़ग्री सेल्सियस से नीचे दर्ज किया जा रहा है। दूसरी ओर‚ राज्य के कई जिलों में सुबह–सुबह घना कुहासा की वजह से दृश्यता पचास मीटर से भी कम पहुंच गई। इससे यातायात व्यवस्था पर ठप होने की स्थिति पैदा हो गई।
आलम यह है कि हाड़़ कंपानेवाली तेज ठंड़ी हवा से लोगों का घर से बाहर निकलना भी मुश्किल हो गया है। राजधानी में पूरे दिन एक पल के लिए भी न तो धूप निकली और न ही ठंड़ी हवा की रफ्तार कम हुई। तेज ठंड़ी हवा की वजह से ज्यादातर लोग अपने घरों में दुबके रहे। दिनभर बाजार में सन्नाटा पसरा रहा तथा आम दिनों की ठंड़ में गाडि़़यों से पटी रहने वाली सड़़कें भी सुनसान दिखीं। मौसम विभाग ने अपने पूर्वानुमान में कहा है कि अभी कुछ दिनों तक यही स्थिति बनी रहेगी तथा शीतलहर का प्रकोप बना रहेगा। राजधानी के साथ ही साथ सूबे के अन्य शहरों की भी यही स्थिति बनी रही। मौसम विभाग के मुताबिक रविवार को पटना का अधिकतम तापमान सामान्य से पांच डि़ग्री कम १६.९ डि़ग्री जबकि न्यूनतम तापमान समान्य सवे एक डि़ग्री अधिक ९.२ डि़ग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इसी तरह‚ भागलपुर का अधिकतम तापमान २०.५ डि़ग्री सेल्सियस‚ जबकि न्यूनतम तापमान ११.० डि़ग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इसी तरह‚ गया का अधिकतम तापमान १७.२ तथा न्यूनतम तापमान ६.४ डि़ग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
१९८४ में माह का सबसे कम तापमान किया गया था दर्ज
शहर का सबसे कम तापाामन का रिकॉर्ड़ दो जनवरी १९८४ को दर्ज किया गया था। मौसम विभाग के मुताबिक‚ तब पारा १.४ डि़ग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इसी तरह जनवरी माह में सर्वाधिक तापमान का रिकार्ड़ दो जनवरी १९९३ को ३३.१ डि़ग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इसी तरह का जनवरी माह में एक दिन में सर्वाधिक बारिश १० जनवरी १९५७ को ५१.८ एमएम दर्ज की गई थी‚ जबकि माह में सर्वाधिक बारिश का रिकार्ड़ १९९७ को दर्ज किया गया था।