राज्य को बुधवार को कोवैक्सीन के 20‚000 अतिरिक्त ड़ोज मिले। उधर‚ कोविड़ टीकाकरण की तैयारी पूरी हो गई है। सोलह जनवरी से चरणबद्ध तरीके से पूरे राज्य में टीकाकरण शुरू होगा। तीन सौ चिह्नित स्थानों पर टीकाकरण किया जाएगा। इनमें सभी मेडि़कल कॉलेज एवं जिला अस्पताल शामिल हैं। ॥ बुधवार को इन सभी तीन सौ स्थलों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों एवं दलकर्मियों को प्रशिक्षित किया गया। मौके पर सभी जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी तथा जिला मूल्यांकन एवं अनुश्रवण पदाधिकारी भी शामिल थे। स्वास्थ्य विभाग टीकाकरण प्रक्रिया को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए सभी व्यवस्था का जायजा प्रतिदिन ले रहा है। विदित हो कि राज्य को वैक्सीन के साढ़े पांच लाख ड़ोज मिल चुके हैं। इन्हें जिलों में भेजने की तैयारी कर ली गई है। एनएमसीएच स्थित राज्य वैक्सीन भंड़ार सहित कुल दस जगहों पर वैक्सीन का भंड़ारण किया जा रहा है। इनमें क्षेत्रीय वैक्सीन भंड़ार सारण‚ मुजफ्फरपुर‚ पूर्वी चंपारण‚ दरभंगा‚ सहरसा‚ भागलपुर‚ पूर्णिया‚ नालंदा और औरंगाबाद शामिल हैं। बताया गया है कि टीकाकरण के लिए चयनित लाभार्थी सत्र स्थल पर फोटो आईड़ी अपने पास रखें। टीका लगने के बाद निर्धारित क्षेत्र में वे आधे घंटे तक रुकें। दूसरा टीका लगवाने के लिए एसएमएस के अनुसार बतायी गयी तारीख पर आएं।
पटना में टीकाकरण को लेकर आठ कोषांग गठित
कोविड–१९ वैश्विक महामारी के टीकाकरण अभियान के अनुश्रवण‚ पर्यवेक्षण और बेहतर समन्वय के लिए कलेक्टर ने आठ कोषांगों का गठन कर उनका कार्य विभाजन कर दिया है। साथ ही इस कार्य के सुचारू संचालन के लिए अधिकारियों की तैनाती भी कर दी गई है। टीकाकरण के पहले चरण की शुरुआत १६ जनवरी को जिले के १६ सेशन साइट पर होना है।
१. ‘सत्र स्थल प्रबंधन’ कोषांग– इसका संचालन जिला स्वास्थ्य समिति कार्यालय पटना में होगा। कार्य – सत्र स्थलों का चयन और सत्यापन। सत्र स्थलों में गाइडलाइन के अनुरूप जगह फर्नीचर इंटरनेट आदि उपलब्ध कराना। टीका के पहले दिन शत प्रतिशत निरीक्षण सुनिश्चित करा कर तैयारी सुनिश्चित कराना। सत्र स्थल पर सैनिटाइजर‚ मास्क‚ वैक्सीन वायल खोलने वाले उपकरण‚ निडिल‚ निष्पादन उपकरण‚ वैज्ञानिक कचरा प्रबंधन संबंधी उपकरण‚ डस्टबिन आदि सुनिश्चित कराना।
२ प्रतिरक्षण टीम एवं प्रशिक्षण कोषांग– इस कोषांग का संचालन डीआरसीसी कार्यालय पटना में होगा। कार्य–प्रतिरक्षण टीम के गठन टीम हेतु सदस्यों की उपलब्धता ससमय सुनिश्चित कराना। जिला एवं प्रखंड स्तर पर कार्यशाला प्रशिक्षण आयोजित कराना।
३. वैक्सीन भंडारण एवं परिवहन कोषांग–इसका संचालन जिला स्वास्थ्य समिति कार्यालय पटना में होगा। कार्य– जिला से प्रखंड स्तर एवं सत्र स्थल तक गोल्ड चेन एवं भंडारण सुनिश्चित कराना। कोल्ड चेन संबंधित सभी प्रकार के उपकरण की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित कराना। टीका वितरण योजना तैयार कराना। टीका वितरण हेतु वाहनों की तैयारी सुनिश्चित कराना।
४. कोविड़ पोर्टल कोषांग– इसका संचालन जिला स्वास्थ समिति कार्यालय में होगा। कार्य– पोर्टल पर सभी प्रकार की एंट्री निबंधन अनुश्रवण इत्यादि सुनिश्चित कराना। दअद्यतन स्थिति से ड़ीएम को अवगत कराना।
५. एईएपआई कोषांग –इस कोषांग का संचालन अधीक्षक एनएमसीएच पीएमसीएच का कार्यालय होगा। कार्य–सत्र स्थल पर प्रतिकूल लक्षण आदि से निपटने की तैयारी मेडिसिन किट एंबुलेंस आदि की व्यवस्था रखना। दुर्घटना की स्थिति में पीएमसीएच/ एनएमसीएच में वार्ड सुनिश्चित करते हुए उसका समुचित इलाज सुनिश्चित कराना।
६. विधि व्यवस्था कोषांग– इस कोषांग का संचालन अपर जिला दंडाधिकारी के कार्यालय कक्ष हिंदी भवन पटना होगा। कार्य– सत्र स्थलों में भीड नियंत्रण हेतु पर्याप्त पदाधिकारियों पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति कराना। सत्र स्थलों में कोविड–१९ के गाइडलाइन को पालन करते हुए होमगार्ड‚ चौकीदार पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति–प्रशिक्षण कराना। अपवाह के विरुद्ध कार्रवाई करना।
७. नियंत्रण कक्ष कोषांग– इसका संचालन डीआरसीसी कार्यालय पटना में होगा। कार्य– जिला टास्क फोर्स एवं प्रखंड टास्क फोर्स की बैठक नियमित रूप से संपन्न कराना एवं अद्यतन जानकारी रखना। सभी भागीदारी विभागों के बीच में समन्वय। सरकार द्वारा प्राप्त निर्देशों से संबंधित पदाधिकारियों को अवगत कराना। विधि व्यवस्था कोषांग से समन्वय कर स्थिति पर नजर रखना।
८. मीडिया–आईईसी कोषांग– इसका संचालन जिला सूचना एवं जनसंपर्क कार्यालय पटना में होगा। कार्य–इसका कार्य संपूर्ण कार्यक्रम का वृहद प्रचार प्रसार इलेक्ट्रनिक एवं प्रिंट मीडिया के माध्यम से करना है।अफवाहों का त्वरित खंडन करना। समय–समय पर प्रेस विज्ञप्ति निर्गत करना‚ प्रेस कन्फ्रेंस आयोजित करना है। मीडियाकर्मियों जनप्रतिनिधियों आदि के लिए उन्मुखीकरण कार्यक्रम आयोजित करना है।