मंगलवार को पटना में हुई कांग्रेस की बैठक में लात–घूंसे व कुर्सियां चलीं। इस कारण आयोजित बैठक में सभागार में आधा घंटे तक के लिए अफरा तफरी मची रही। बैठक में कुछ नेता बोलने का मौका दिए जाने की मांग करने लगे और मंच पर चढ गए। मंच पर मौजूद नेताओं व उनके समर्थकों के साथ उन्होंने जमकर हाथापाई की। कांग्रेस के बिहार प्रभारी भक्तचरण दास के साथ भी धक्का–मुक्की की गयी। हालांकि उन्हें किसी तरह से बाहर निकाल लिया गया। मौके पर आयोजित पत्रकार वार्ता में बिहार कांग्रेस प्रभारी भक्त चरण दास ने पीएम नरेंद्र मोदी पर देशभक्ति के नाम पर नाटक करने का आरोप लगाया है। कांग्रेस प्रभारी ने कहा कि आज देश का अन्नदाता सडकों पर बैठा है‚ जिनके पक्ष में देश के हर घर से आवाज उठनी चाहिए। दास ने एलान किया है कि वे २१ जनवरी से बिहार में प्रमाण्डलवार यात्रा शुरू करेंगे। इसके बाद जिलों का दौरा करेंगे। बिहार प्रभारी ने कहा कि किसान बचेगा तभी राष्ट्र बचेगा। आज जो देश के किसानों के साथ हो रहा है वही तमाम चीजें देश की सर्वोच्य संस्थानों के साथ भी हो रही हैं। सीबीआई हो ईडी हो या सर्वोच न्याय संस्था सबका मुंह बंद कराने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कोविड–१९ के दौरान बिहार के मजदूरों के साथ मोदी सरकार ने क्या किया यह किसी से छिपा नहीं है। जीडीपी को लेकर उन्होंने कहा कि जीडीपी किसी भी देश की अर्थव्यवस्था को प्रतिबिंबित करती है लेकिन देश की जीडीपी को मोदी सरकार ने गर्त में पहुंचा दिया है। रिजर्व बैंक को सोना बेचना पडा है। उन्होंने कहा मोदी सरकार ने देश को खोखला कर दिया है। मोदी झूठ का प्रचार करने वाले सबसे बडे देश भक्त हैं। इस बीच कांग्रेस के बिहार प्रभारी भक्तचरण दास ने हंगामे पर प्रतिक्रिया दी और कहा कि बाहरी तत्वों ने हंगामा किया। ये तत्व बैठक में व्यवधान उत्पन्न करना चाह रहे थे। हंगामे में शामिल लोग किसान संगठन के सदस्य नहीं थे। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि बिहार में ये सब बाते कॉमन है।
मंच से अपील का नहीं हुआ कोई असर
सदाकत आश्रम में किसान मोर्चा की बैठक शुरू होते ही नेताओं के बीच पहले कहासुनी हुई, फिर मारपीट होने लगी। इस बीच किसान मोर्चा के नेता राज कुमार सिंह ने दूसरे नेता पर कुर्सी चला दी। इस दौरान कांग्रेस के बिहार प्रभारी भक्त चरण दास भी मौजूद रहे। नेताओं के बीच हो रही मारपीट के बीच भक्त चरण दास फंसे हुए नजर आए। उनके साथ भी धक्का-मुक्की होते देख कुछ नेता आगे आए और उन्हें भीड़ से बाहर निकाला। हंगामा होता देख मंच से कई नेता कार्यकर्ताओं को संयम रखने की अपील करते रहे। लेकिन किसी पर उनकी बातों का कोई असर नहीं हो रहा था। अपील के बावजूद नारेबाजी तेज होती गई। बिहार कांग्रेस के प्रभारी भी कुछ देर तक माइक पर कुछ बोलने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन कोई असर न होता देख दूसरे नेताओं ने उन्हें बुला लिया। बिहार प्रभारी भक्त चरण के साथ विधानसभा में विधायक दल के नेता अजित शर्मा मौजूद दिखे। कई नेताओं को वो समझाते नजर आए कि इससे पार्टी की छवि खराब होती है। लेकिन हंगामा कर रहे कार्यकर्ता कुछ भी समझने को तैयार नहीं थे।