नए कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का आज 43वां दिन हो गया है. तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर सरकार के साथ किसानों का गतिरोध लगातार जारी है. ठंड और बारिश में अब भी दिल्ली से लगी सीमाओं पर हजारों किसान डटे हैं. आज सभी प्रदर्शन स्थलों से कुंडली-मानेसर-पलवल (केएमपी) के लिए ट्रैक्टर मार्च निकाल रहे हैं.
किसानों ने ठान रखा है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी वो प्रदर्शन करते रहेंगे. आज किसान प्रदर्शन का 43वां दिन हो गया है और भारी ठंड में भी हजारों किसानों का जमावड़ा दिल्ली बॉर्डर और पंजाब, हरियाणा के कुछ बॉर्डर्स पर लगा हुआ है. 3 कृषि कानून के खिलाफ किसान आज दिल्ली के चारों ओर ट्रैक्टर मार्च निकाल रहे हैं. इस मार्च में 60 हजार ट्रैक्टर शामिल होने का दावा किया जा रहा है. यह मार्च सिंघु बॉर्डर से टिकरी, टिकरी से शाहजहांपुर, गाजीपुर से पलवल और पलवल से गाजीपुर तक निकाला जा रहा है. इसको देखते हुए ट्रैफिक को डायवर्ट किया जा रहा है. राजधानी दिल्ली के बुराड़ी में किसानों के ट्रैक्टर मार्च के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद कर दी गई है. वहीं उत्तर-पश्चिम की DCP ने बताया कि हमारी टीम तैनात है और कानून-व्यवस्था के लिए मुस्तैद है. हम किसान संगठनों से भी बात कर रहे हैं कि और शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन करने की अपील कर रहे हैं.
केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा है कि जिस तरह कम्यूनिस्ट लोग राजनीति के लिए आग में घी डाल रहे हैं. वे नहीं चाहते कि देश में शांति हो. मैं किसान यूनियन के भाईयों से कहना चाहता हूं कि शांति बनाए रखें. सरकार वार्ता के लिए हमेशा तैयार है. कल की तारीख भी तय है. कल निश्चित रूप से समाधान निकलेगा.
कल किसान संगठनों ने आगे के आंदोलन के बारे में जानकारी देते हुए बताया था कि दिल्ली के अलग अलग बॉर्डर पर मौजूद किसान 7 जनवरी को दिल्ली के एक बॉर्डर से दूसरे बॉर्डर तक ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे. ये मार्च दरअसल 26 जनवरी को होने वाली ट्रैक्टर झांकी का रिहर्सल होगी. स्वराज इंडिया के योगेन्द्र यादव ने कहा कि 26 मार्च को दिल्ली में किसानों का ट्रैक्टर मार्च होगा लेकिन इसके कारण गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम में कोई बाधा नहीं आने देंगे. ये सिर्फ़ इसलिए कर रहे हैं क्योंकि किसानों को भी गणतंत्र दिवस पर झांकी निकालने का हक है.
किसान संगठनों ने कहा कि ट्रैक्टर मार्च सिंघु से टिकरी, टिकरी से शाहजापुर, गाज़ीपुर से पलवल, पलवल से गाज़ीपुर होगा. 9 जनवरी को सर छोटू राम की जयंती मनाई जाएगी. लोहड़ी और मकर संक्रांति पर तीनों कृषि क़ानून की कॉपी की आहुति देंगे. किसान संगठनों का ये भी कहना है कि पीएम मोदी अहंकार में किसानों को अनदेखा कर रहे हैं लेकिन किसान डटा रहेगा और कृषि क़ानून को रद्द करवाकर ही वापस जाएगा.
सिंघू सीमा पर संवाददाताओं को संबोधित करते हुए स्वराज अभियान के नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि नये कानूनों को जारी हुए ‘सात महीने हो गये’ और सरकार तब से अब तक किसानों के साथ सात दौर की वार्ता कर चुकी है लेकिन उसने किसानों के ‘सात शब्द’ भी नहीं सुने जो हैं: ‘हम कृषि कानूनों की वापसी चाहते हैं’. गौरतलब है कि इन कानूनों को सितंबर में लागू किया गया था. इससे पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अध्यादेश के रूप में इन्हें जून में मंजूरी दी थी और इन्हें लागू किया गया था. किसान नेताओं ने कहा कि हजारों किसान सात जनवरी को सिंघू, टीकरी, गाजीपुर और शाहजहांपुर (हरियाणा-राजस्थान सीमा) में सभी प्रदर्शन स्थलों से कुंडली-मानेसर-पलवल (केएमपी) के लिए ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे.
कल कई किसान संगठनों ने आरोप लगाया था कि राजस्थान के शाजहांपुर बॉर्डर पर 31 किलोमीटर दिल्ली की तरफ़ रेवाड़ी बाइपास पर हरियाणा सरकार ने किसानों को कंटेनर लगाकर दोनों तरफ़ से घेर लिया गया है. किसानों को सप्लाई भेजने में दिक्कत हो रही है. उन तक लकड़ी और लंगर तक नहीं पहुंचने दिया जा रहा है. हरियाणा पुलिस किसानों को तंग परेशान करने के लिए ऐसा कर रही है. किसानों पर इक्स्पाइअर्ड टीयर गैस से शेल फेंके गये. हरियाणा के किसान नेताओं ने कहा कि 26 जनवरी के दिल्ली मार्च में हरियाणा के हर गांव से 10 ट्राली और एक घर से एक व्यक्ति मार्च में शामिल होने आए. अगले 15 दिन घर घर जाकर जन जागृति अभियान चलाया जाएगा.
प्रदर्शन कर रहे किसानों ने मंगलवार को कहा था कि छह जनवरी को प्रस्तावित अपने ट्रैक्टर मार्च को खराब मौसम के पूर्वानुमान के चलते मंगलवार को सात जनवरी के लिए टाल दिया है. हालांकि उन्होंने कहा कि वे आने वाले दिनों में अपने आंदोलन को तेज करेंगे. किसान विवादित कृषि कानूनों को वापस लेने एवं न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी की अपनी मांग को लेकर दिल्ली से लगी सीमाओं पर 28 नवम्बर से डटे हैं. यातायात पुलिस के अधिकारी लगातार ट्विटर पर लोगों को बंद एवं परिवर्तित मार्गों की जानकारी दे रहे हैं. यातायात पुलिस ने मंगलवार को सिलसिलेवार ट्वीट में बताया कि सिंघू, औचंदी, प्याऊ मनियारी, सबोली और मंगेश बॉर्डर बंद हैं.
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, “हमने कानूनों का समर्थन करने वाले और विरोध करने वाले, दोनों ही तरह के किसानों से मुलाकात की है. मुझे यकीन है कि आंदोलन कर रहे किसान यूनियन किसानों के हितों का खयाल रख रहे हैं और तत्परता के साथ इसके समाधान में लगे हुए हैं.”
संयुक्त किसान मोर्चा के तत्वाधान में गाजीपुर बॉर्डर से पलवल तक किसानों द्वारा निकाली जाने वाली ट्रैक्टर यात्रा को देखते हुए आम यात्रियों के लिए ईस्टर्न पेरिफेरल पर मार्ग परिवर्तन किया गया है. भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के नेतृत्व में यह यात्रा निकाली जाएगी. ट्रैक्टर यात्रा इस्टर्न पेरीफेरल रोड पर गाजियाबाद के दुहाई, डासना और गौतमबुद्ध नगर के बील अकबरपुर, सिरसा होते हुए पलवल जाएगी और फिर वहां से वापस आएगी.
पुलिस ने बताया कि इस दौरान गौतमबुद्ध नगर के बील अकबरपुर और सिरसा कट से पलवल की तरफ जाने वाले वाहन दोपहर 12 बजे से दोपहर तीन बजे तक पेरीफेरल रोड पर नहीं जा पाएंगे. इनको डाइवर्ट किया जाएगा. पुलिस ने कहा कि इसी प्रकार सिरसा कट और बील अकबरपुर से सोनीपत की तरफ जाने वाले वाहन दोपहर दो बजे से पांच बजे तक ईस्टर्न पेरीफेरल रोड पर नहीं जा पाएंगे. उन्हें डाइवर्ट किया जाएगा.
पुलिस आयुक्त के मीडिया प्रवक्ता अभिनेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि आज संयुक्त किसान मोर्चा के तत्वाधान में निकाली जाने वाली ट्रैक्टर यात्रा के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेने के लिए गौतम बुद्ध नगर के पुलिस आयुक्त आलोक कुमार सिंह और अपर पुलिस आयुक्त कानून- व्यवस्था लव कुमार, ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे पर पहुंचे. सिंह ने बताया कि पुलिस अधिकारियों ने वहां पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया और संबंधित अधिकारियों को कानून- व्यवस्था संबंधी दिशानिर्देश दिए.