राज्य सरकार ने विकास की नई ऊंचाई को छूने के लिए ‘सुशासन’ की दिशा में एक और कदम बढाते हुए १०३ नई नगर पंचायतें‚ ३२ नगर पंचायतों का नगर परिषद में उत्क्रमण‚ आठ नई नगर परिषद‚ १२ नये नगर निकाय और पांच नगर परिषद को नगर निगम में तब्दील करने के प्रस्ताव को शनिवार को मंजूरी दे दी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में शनिवार को यहां हुई मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सरकार ने इस आशय के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की है। इसके लिए बिहार नगरपालिका अधिनियम २००७ की धारा तीन की उपधारा (१) के द्वितीय परंतुक को संशोधित कर बिहार नगरपालिका (संशोधन) अधिनियम‚ २०२० (बिहार अधिनियम १३‚ २०२०) का गठन किया गया है।
इसके साथ ही अब बिहार में १०३ नई नगर पंचायतें‚ ३२ नगर पंचायतों को नगर परिषद में उत्क्रमण‚ आठ नयी नगर परिषद‚ १२ नये नगर निकाय और पांच नगर परिषद को नगर निगम में तब्दील किये जायेंगे। १०३ नयी नगर पंचायतों में पटना जिले में पुनपुन और पालीगंज‚ नालंदा जिले में हरनौत‚ सरमेरा‚ रहुई‚ परवलपुर‚ गिरियक‚ अस्थावां‚ एकंगरसराय और चंडी‚ भोजपुर जिले में गड़हनी‚ बक्सर जिले में चौसा और ब्रह्मपुर‚ कैमूर जिले में हाटा‚ कुदरा और रामगढ तथा रोहतास जिले में चेनारी‚ दिनारा‚ काराकाट और रोहतास शामिल हैं। इसी तरह मुजफ्फरपुर जिले में मुरौल‚ सकरा‚ बरूराज‚ मीनापुर‚ कुढनी‚ सरैया‚ और माधोपुर सुस्ता‚ पश्चिम चंपारण जिले में लौरिया और जोगापी‚ वैशाली जिले में जन्दाहा‚ गोरौल और पातेपुर‚ मुंगेर में तारापुर‚ शेखपुरा जिले में चेवाड़ा और शेखोपुरसराय‚ जमुई जिले में सिकंदरा‚ खगडि़या जिले में अलौली‚ परबत्ता‚ मानसी और बेलदौर‚ गया जिले में वजीरगंज‚ फतेहपुर‚ डोभी‚ इमामगंज और खिजरसराय‚ औरंगाबाद जिले में बारुण और देव‚ नवादा जिले में रजौली‚ जहानाबाद जिले में घोषी और काको‚ अरवल जिले में कुर्था‚ पूर्णिया जिले में चंपानगर‚ बायसी‚ अमौर‚ जानकीनगर‚ धमदाहा‚ मीरगंज‚ भवानीपुर और रुपौली‚ कटिहार जिले में कोढा‚ बरारी‚ कुर्सेला‚ अमदाबाद और बलरामपुर‚ अररिया जिले में रानीगंज‚ जोकीहाट और नरपतगंज तथा किशनगंज जिले में पौआखाली को नगर पंचायत बनाया गया है। सीवान जिले में बसंतपुर‚ गुठनी‚ आंदर‚ गोपालपुर‚ हसनपुरा और बड़हडि़या‚ सारण जिले में मशरख‚ मांझी और कोपा‚ दरभंगा जिले में कुशेश्वरस्थान पूर्वी‚ बहेड़ी‚ हायाघाट‚ घनश्यापुर‚ बिरौल‚ भरवाड़ा‚ सिंहवाड़ा‚ जाले और कमतौल‚ मधुबनी जिले में फुलपरास‚ समस्तीपुर जिले में सरायरंजन और मुसरी घरारी‚ भागलपुर जिले में हबीबपुर‚ सबौर‚ पीरपैंती और अकबरनगर‚ बांका जिले में कटोरिया‚ सहरसा जिले में सौर बाजार‚ बनगांव‚ नवहा और सोनवर्षा‚ सुपौल जिले में पिपरा और राघोपुर तथा मधेपुरा जिले में सिंहेश्वर‚ बिहारीगंज और आलमनगर को नया नगर पंचायत घोषित किया गया है। वहीं‚ नालंदा जिले में राजगीर‚ भोजपुर जिले में पीरो‚ रोहतास जिले में नोखा‚ पूर्वी चंपारण जिले में चकिया और रामनगर‚ वैशाली जिले में लालगंज और महुआ‚ सीतामगढी जिले में जनकरपुर रोड और बैरगनिया‚ शिवहर जिले में शिवहर‚ बेगूसराय जिले में तेघड़ा‚ बलिया और बखरी‚ मुंगेर जिले में हवेली खड़गपुर‚ खगडि़या जिले में गोगरी जमालपुर‚गया जिले में बोधगया‚ शेरघाटी और टेकारी‚ नवादा जिले में वारिसलीगंज और हिसुआ‚ मुजफ्फरपुर जिले में कांटी‚ मोतीपुर और साहेबगंज‚ पूर्णिया जिले में कसबा और बनमनखी‚ अररिया जिले में जोगबनी‚ गोपालगंज जिले में बरौली और मीरगंज‚ समस्तीपुर जिले में रोसड़ा और दलसिंहसराय‚ भागलपुर जिले में नवगछिया तथा सहरसा जिले में सिमरी बख्तियार नगर पंचायत को नगर परिषद में उत्क्रमित किया गया है। बैठक में आठ नई नगर परिषद के गठन के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई है। इनमें पटना जिले में बिहटा और संपतचक‚ बेगूसराय जिले में बरौनी‚ मधेपुरा जिले में उदाकिशुनगंज‚ सुपौल जिले में त्रिवेणीगंज‚ समस्तीपुर जिले में ताजपुर और शाहपुर पटोरी तथा लखीसराय जिले में सूर्यगढा शामिल हैं। इसी तरह नालंदा जिले में बिहारशरीफ‚ पटना जिले में मसौढी‚ खगडि़या जिले में खगडि़या‚ सीवान जिले में सीवान‚ शेखपुरा जिले में शेखपुरा और बरबीघा‚ बेगूसराय जिले में बीहट‚ बक्सर जिले में डुमरांव और बक्सर‚ वैशाली जिले में हाजीपुर‚ भागलपुर जिले में सुल्तानगंज और नवादा जिले में नवादा और नया निकाय बनाया गया है। वहीं‚ रोहतास जिले में सासाराम नगर परिषद‚ पूर्वी चंपारण जिले में मोतिहारी‚ पश्चिम चंपारण जिले में बेतिया‚ मधुबनी जिले में मधुबनी और समस्तीपुर जिले में समस्तीपुर नगर परिषद को नगर निगम में उत्क्रमित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है।
मंत्रिपरिषद की स्वीकृति के बाद इन सभी १६० नगर निकायों के संबंध में अलग–अलग अधिसूचना निर्गत कर दी गई है। सूत्रों ने बताया कि बिहार नगरपालिका अधिनियम २००७ की धारा ३ (१) के द्वितीय परंतुक में नगरपालिकाओं के गठन के लिए यह शर्त निर्धारित थी कि सभी दशाओं में गैर कृषि जनसंख्या ७५ प्रतिशत या उससे अधिक होना आवश्यक है लेकिन देश की जनसंख्या के प्रतिशत आंकड़ों में गैर कृषि जनसंख्या का अलग से कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं होने के कारण नगरपालिकाओं के गठन में कठिनाई उत्पन्न हो रही थी। इसी आधार पर न्यायालयों द्वारा भी कई नगर निकायों के गठन की अधिसूचना को स्थगित कर दिया गया था। साथ ही बिहार नगरपालिका अधिनियम २००७ में नगर निकायों के गठन के लिए गैर कृषि क्षेत्र की जनसंख्या ७५ प्रतिशत होने के कारण कई ऐसे छोटे शहर या बाजार जिनमें शहरीकरण के लिए प्रगतिशील स्थिति रहने तथा उनमें शहरीकरण का पूर्ण प्रभाव रहने के बावजूद भी उन्हें ग्रामीण क्षेत्रों के अंतर्गत ही रखने की बाध्यता थी।
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