राजधानी पटना में सभी महत्वपूर्ण स्थानों की सड़कों पर एलिवेटडे यू–टर्न की व्यवस्था की जायेगी। यह निर्देश मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को लोहिया पथ चक्र परियोजना का निरीक्षण करने के दौरान दिया। मुख्यमंत्री ने लोहिया पथ चक्र परियोजना के अंतर्गत सर्कुलर रोड जंक्शन‚ पुनाईचक जंक्शन‚ हडताली मोड जंक्शन के पास मल्टी जंक्शनल ट्रैफिक व्यवस्था के लिए संरचनात्मक निर्माण कार्य का जायजा लिया। उन्होंने कोतवाली थाना चौक पर एलिवेटेड यू–टर्न बनाने का निर्देश दिया‚ ताकि वहां जाम से लोगों को निजात मिल सके। मुख्यमंत्री को जानकारी दी गई कि परियोजना के अंतर्गत ‘ट्रैफिक सिग्नल फ्री’ यातायात की व्यवस्था की जाएगी। सगुना मोड से होते हुए डाकबंगला चौराहे तक रोड पर कहीं भी रेड लाइट प्वाइंट पर रूकने की जरुरत नहीं पडेगी। मुख्यमंत्री ने सर्कुलर रोड जंक्शन पर निर्माणाधीन कार्य के निरीक्षण के दौरान भू–गर्भजल व्यवस्था की भी जानकारी ली। उन्होंने बिहार राज्य पुल निर्माण निगम को निर्माण में तेजी लाने तथा जून माह तक सर्कुलर रोड जंक्शन की संरचना को पूर्ण कर आवागमन के लिए खोलने का निर्देश दिया।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का मानना है कि लोहिया पथ चक्र परियोजना के पूर्ण होने पर इसका अनुकरण अन्य जगहों पर भी किया जा सकता है। दूसरे राज्य के लोग भी इसे आकर देखेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज से १० साल पहले लोहिया पथ चक्र के निर्माण के संबंध में आईआईटी दिल्ली का प्रस्ताव हमलोगों को मिला था। उसके बाद हमलोगों के मन में यह बात आई थी कि यह पूरा का पूरा इलाका ऐसा है कि जहां ट्रैफिक की समस्या रहेगी। हमलोगों को ऐसा कोई सिस्टम बनाना चाहिए जिससे कोई भी कहीं‚ किसी तरह से आना–जाना चाहता हो तो इसके लिए एक अलग से रास्ता हो। इस कॉन्सेप्ट को देखकर हमलोगों को बहुत खुशी हुई थी। सबसे पहले देश में बिहार में ही इस कॉन्सेप्ट को एडॉप्ट किया गया और उसी के हिसाब से हमलोगों ने इसके निर्माण का निर्णय किया। इसका नाम लोहिया पथ चक्र रखा गया। इसमें ४९ अलग–अलग रास्ते बने हुए हैं। उसी कॉन्सेप्ट के अनुसार इसका काम शुरू किया गया है। पिछले वर्ष काम के दौरान नीचे से पानी निकल आया था। उसे ध्यान में रखते हुए समाधान का रास्ता निकाला गया और अब काम तेजी से किये जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रेलवे से जमीन उपलब्ध हो जाने के बाद नेहरू पथ के लिए नीचे से रास्ता रहेगा। अधिकारियों ने आश्वस्त किया है कि इस पथ चक्र का एक हिस्सा जून तक पूरा हो जाएगा। यहां नीचे जहां पानी है उसको यहां से डिस्चार्ज करना पडेगा ताकि किसी प्रकार की कोई कठिनाई न हो। दो–तीन जगहों पर जो और काम होने हैं‚ उसके लिए अधिकारियों ने प्लान में थोडा संशोधन किया है। ज्यादा नीचे गहराई की जरूरत नहीं है। इससे नीचे से पानी आने की समस्या का समाधान हो जायेगा। उन्होंने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि अगले वर्ष दिसंबर तक इसे पूरा कर लिया जाएगा। जब ये फंक्शनल हो जाएगा तो इसकी सुरक्षा के भी इंतजाम किये जायें। इसके निर्माण से आवागमन में किसी को कोई कठिनाई नहीं होगी। इससे ट्रैफिक जाम की समस्या भी खत्म होगी। उन्होंने कहा कि २०१५ में इस पर काम शुरू होना था‚ लेकिन पानी आजाने के चलते इसमें विलम्ब होता चला गया। अब इसका निदान कर लिया गया है।
पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने बताया कि पुनाईचक चौराहा एवं हडताली मोड पर पूर्व की प्रस्तावित डिजाइन में आईआईटी दिल्ली के परामर्श से हल्का संशोधन किया गया है। इस आधार पर निर्माण कार्य में तेजी आयेगी और दिसम्बर २०२१ तक इसे पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि पथ निर्माण विभाग की ओर से परियोजना के लगातार अनुश्रवण की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। श्री मीणा ने बताया कि इस योजना के अंतर्गत ४९ इंट्री एवं एक्जिट हैं। पुनाईचक से राजधानी वाटिका की ओर नीचे से आने–जाने की व्यवस्था रहेगी। इसी प्रकार हडताली मोड़़ पर‚ बोरिंग कैनाल रोड से दारोगा प्रसाद राय पथ तक आने–जाने की व्यवस्था सडक के नीचे से रहेगी और मुख्य पथ का आवागमन ऊपर से रहेगा। मुख्यमंत्री ने करबिगहिया फ्लाई ओवर परियोजना का भी निरीक्षण किया। यह परियोजना चार लेन की होगी‚ जो करबिगहिया चौक से चिरैयांटांड फ्लाईओवर के उपर से कंकडबाग फ्लाईओवर में जाकर मिलेगी। इसका निर्माण शुरू हो गया है। इसे जून २०२२ तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है।
निरीक्षण के दौरान पूर्व मंत्री शैलेश कुमार‚ मुख्य सचिव दीपक कुमार‚ पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा‚ मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार‚ मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा‚ परिवहन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल‚ मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार‚ जिलाधिकारी कुमार रवि‚ वरीय पुलिस अधीक्षक उपेंद्र कुमार शर्मा सहित‚ पथ निर्माण विभाग के अन्य वरीय पदाधिकारी उपस्थित थे।