मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रविवार को भागलपुर जिला अन्तर्गत बिहपुर प्रखंड़ के जयरामपुर गांव में कोसी तट पर गुवारीड़ीह टीले के पुरातात्विक अवशेषों का अवलोकन किया और उसके बारे में जानकारी भी ली। निरीक्षण के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि पुरातात्विक अवशेषों को संरक्षित करने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि पुरातात्विक स्थल गुवारीडीह को सुरक्षित रखने के लिए कोसी की धारा को मोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि विशेषज्ञ की टीम ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट में पुष्टि की है कि गुवारीडीह एक ऐतिहासिक स्थल है। यहां से मिले अवशेष २५०० वर्ष पहले के भी हो सकते हैं। इसके बारे में सबको जानकारी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कोसी नदी की धारा को डायवर्ट किया जायेगा‚ ताकि यह पूरा इलाका सुरक्षित रह सके। कोसी नदी के कटाव को रोकने के लिए इसकी धारा को पुरानी धारा की ओर ले जाना जरूरी है‚ जिसे लेकर योजना तैयार कर आगे का कार्य किया जायेगा। उन्होंने शाहकुंड में प्रतिमा मिलने को लेकर पूछे गये सवाल के जवाब में कहा कि वहां भी विशेषज्ञ को भेजा गया है। उनकी की रिपोर्ट मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि खुदाई के बाद यहां और कई पौराणिक चीजों के होने की जानकारी मिल सकती है। इस जगह की खुदाई करके विशेषज्ञ देखेंगे कि कहां–कहां से पौराणिक चीजें मिल रही हैं। इससे यह भी पता चलेगा कि इसका क्षेत्र कहां तक फैला हुआ है। यहां से मिले अवशेषों का अध्ययन करने के बाद इस इलाके को ऐतिहासिक स्थल के रूप में विकसित किया जायेगा। इस ऐतिहासिक स्थल को विकसित करने से लोग अपने पुराने इतिहास को जान सकेंगे। यहां की पूरी जानकारी मिलने के बाद राज्य ही नहीं देश दुनिया को भी इससे अवगत कराया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के किसी भी इलाके में मिलने वाले ऐसे पुरातात्विक अवशेषों को संरक्षित करने के लिए सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है। इसके लिए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिये गये हैं‚ ताकि यहां पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ–साथ देश–विदेश से अधिक से अधिक संख्या में पर्यटक आ सकें।
पटना में आयोजित हुआ “चित्रांश मिलन समारोह”
जितेन्द्र कुमार सिन्हा, पटना, 24 मई :: रेलवे कॉलोनी दानापुर के चित्रांश परिवार की ओर से "चित्रांश मिलन समारोह" का...