महागठबंधन के विधायकों की बैठक पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर हुई। यह बैठक ऐसे समय में हुई जब महागठबंधन के सामने विधान सभा अध्यक्ष पद के प्रत्याशी अवध बिहारी चौधरी को जीत दिलाने की चुनौती है। सत्ता पक्ष एनडीए की संख्या बल के आगे महागठबंधन कैसे अपनी ताकत दिखाता है, यह बुधवार को तय होगा।
बिहार में महागठबंधन के घटक दलों की मीटिंग खत्म हुई. राज्यसभा सांसद मनोज झा ने कहा कि स्पीकर का चुनाव जनादेश के बदलाव का संकेत होगा. अवध बिहारी चौधरी के दामन पर दाग नहीं है. दूसरी तरफ कई लोगों को भी परेशानी है. विधायक अपनी अंतरात्मा से वोट करें ये अपील है.
वही, अवध बिहारी चौधरी पर मुकदमे को लेकर आरजेडी नेता मनोज झा (Manoj Jha) ने कहा कि कुछ चीजें न्यायालय पर छोड़ देनी चाहिए. अगर दाग की बात करेंगे तो एक अणे मार्ग में भी कोई नहीं बचेगा.
कम विधायकों के मीटिंग में पहुंचने पर उन्होंने कहा कि 26 तारीख को होने वाले आंदोलन को लेकर कई विधायक तैयारी में लगे हैं. इसलिए वो नहीं पहुंच पाए.
इस मीटिंग में केवल 82 विधायक पहुंचे थे. आरजेडी, कांग्रेस और लेफ्ट के एमएलए को मीटिंग में शामिल होना था. स्पीकर चुनाव पर मंथन और शीतकालीन सत्र में विपक्ष की भूमिका को लेकर महागठबंधन ने यह बैठक बुलाई गयी है.
बता दें कि बिहार विधानसभा में महागठबंधन की 110 सीटों की स्ट्रेंथ है. जबकि एनडीए के पास 125 वोट हैं. 9 सीटें अन्य के खाते में है.
हालांकि, महागठबंधन की इस बैठक में माले के एक भी विधायक नहीं पहुंचे. माले के विधायकों की अलग ही बैठक चल रही थी. माले सूत्रों ने इस बाबत जानकारी देते हुए कहा कि पहले से ही माले की बैठक का दिन और समय तय था. महागठबंधन की बैठक अचानक बुलाई गई जिसकी जानकारी नहीं थी.
भाकपा माले के विधायक नहीं हुए शामिल
बैठक में तेजस्वी यादव के अलावा उनके बड़े भाई तेज प्रताप यादव, कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा भी मौजूद थे। इस बैठक में भाकपा माले के विधायक शामिल नहीं हुए। माले की ओर से बताया गया कि उनके विधायक दल की बैठक पहले से इसी समय पर तय थी, इसलिए महागठबंधन की बैठक में उनके विधायक शामिल नहीं हुए।