पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के मंत्री मुकेश सहनी ने मंगलवार को सचिवालय में विकास भवन के तीसरे तल्ले पर अपने कार्यालय में पदभार ग्रहण कर लिया। इस दौरान उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि उनका पहला लक्ष्य पशुपालक एवं मत्स्यपालकों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाना होगा। उन्होंने कहा कि मेरे कार्य की शैली बिल्कुल स्पष्ट व लक्ष्योंन्मुखी होगी। उन्होंने अपने विभाग के सभी निदेशालयों के निदेशक को यह निर्देश दिया कि सभी अपने–अपने विभाग की लघु अवधि एवं दीर्घ अवधि की प्लानिंग कर आगे का कार्य करेंगे। यह बातें मंत्री मुकेश सहनी ने पदभार संभालने के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहीं। उन्होंने कहा कि सभी पदाधिकारीगण नौकरी नहीं‚ सेवा करेंगे। मेरे मंत्रित्वकाल में सभी पशुपालक भाइयों तक मत्स्यपालकों के विकास का कार्य इस तरह से किया जाएगा‚ ताकि सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे तौर पर लाभुकों को पारदर्शी तरीके से मिल सके।
मछुआरा बन्धुओं को मछली उत्पादों के विपणन का साधन मुहैया कराया जाएगा‚ ताकि उन्हें सही मूल्य मिल सके। इसी तरह पशुपालकों के लिए चल रहीं योजनाओं का कार्यान्वयन भी किया जाएगा ताकि योजनाओं का लाभ सीधे पशुपालकों तक पहुचे।
पदभार ग्रहण करने के बाद उन्होंने अपने विभाग के सचिव को ०९ बिंदुओं पर कार्य करने के लिए निर्देश भी दिए‚ जो प्राथमिकता के आधार पर किये जायेंगे। इसमें राज्य द्वारा वर्ष २०१९–२० हेतु मछुआरों के लिए स्वीकृत मछुआ आवास को तीन माह के अन्दर पूर्ण कराना‚ सभी सरकारी तालाबों–जलकरों को अतिक्रमण मुक्त मिशन–मोड में कराना‚ राज्य के सभी तालाबों–जलकरों का बीमा कराना‚ राज्य में अवस्थित रेलवे‚ शिक्षा‚ स्वास्थ्य‚ जल संसाधन विभाग एवं अन्य सभी विभागों में अवस्थित जलकरों–तालाबों का स्थानान्तरण मत्स्य विभाग में कराना और राज्य स्तर पर मत्स्य‚ पशुपालन‚ डेयरी के कोषांग का गठन कराना प्रमुख है। इस मौके पर डॉ. एन श्रवण‚ निदेशक पशुपालन वी. कार्तिकेय घन‚ निदेशक मत्स्य धर्मंद्र सिंह‚ निदेशक गव्य‚ विशेष सचिव मधुरानी ठाकुर आदि उपस्थित थे। विभाग का पदभार संभालने के बाद गिनायीं अपनी प्राथमिकताएं।
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