भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने हायाघाट, बिहार में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा की ये चुनाव सिर्फ एनडीए प्रत्याशी को जिताने का ही नहीं है, ये चुनाव बिहार के भविष्य का है। हमें तय करना है कि हमें राज्य को किस ओर ले जाना है। एक तरफ विकास करने वाले लोग हैं और दूसरी ओर वो लोग हैं, जिन्होंने बिहार को विनाश की ओर ले जाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
नरेन्द्र मोदी जी ने विकास का ऐसा मंत्र दिया है कि अब मजबूरी में महागठबंधन को भी विकास की बात करनी पड़ रही है, अन्यथा ये विनाश की ओर ले जाने वाले लोग हैं। आज ये रोजगार देने की बात कर रहे हैं, लालू जी के राज में लाखों लोग बिहार से पलायन कर गए, उसका जवाब कौन देगा?
हम अपनी सरकार के विकास कार्यों का हिसाब इसलिए दे रहे हैं, क्योंकि हम रिपोर्ट कार्ड देने की ताकत रखते हैं। नरेन्द्र मोदी जी वो नेता हैं- जो कहते हैं, वो करके दिखाते हैं।
देश का 80% मखाना बिहार में होता है और उसमें से भी 90% मिथिलांचल के 6 जिलों में होता है। इसकी फैक्टरी लगेगी और इसकी ब्रैंडिंग होगी। उसके बाद मिथिला नौकरी नहीं मांगेगा बल्कि नौकरी देने वाला बनेगा।
उजाला योजना के अंतर्गत देश में 37 करोड़ LED बल्ब बांटे गए, जिसमे से अकेले बिहार में 1 करोड़ 95 लाख LED बल्ब बांटे गए। ये लालटेन युग से LED युग में ले जाने का काम मोदी जी ने किया है।
कुछ लोग सवाल उठाते हैं कि बिहार में राम जन्मभूमि की बात क्यों करते हो? सीता माता की भूमि पर राम जन्मभूमि की बात नहीं करेंगे, तो कहां करेंगे।
मोदी जी के दोबारा प्रधानमंत्री बनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने राम जन्मभूमि के पक्ष में फैसला दिया। अब वहां भव्य राम मंदिर बन रहा है।
जंगलराज में बिहार में रंगदारी, रंगबाजी, लूट-खसोट होती थी। लालू के राज में शाहबुद्दीन को संरक्षण मिलता था। आरजेडी ने राज्य में अराजकता फैलाई। अपने कारनामों के लिए इन्हें बिहार की जनता से माफी मांगनी चाहिए।
अब ये आरजेडी, माले से मिल गई है जिसका विचार ही विध्वंश का है। इनके साथ राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी और जुड़ गए हैं, जिनको ये ही पता नहीं चलता कि वो मोदी जी का विरोध करते करते देश का ही विरोध करने लग गए।
अब बिहार लालटेन युग से निकलकर एलईडी युग में जा रहा है। बाहुबल से निकलकर विकास बल की ओर जा रहा है। लूटराज से निकलकर डीबीटी की ओर जा रहा है। एक तरफ विकास करने वाले लोग हैं और दूसरी ओर वो लोग हैं, जिन्होंने बिहार को विनाश की ओर ले जाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। हमें तय करना है कि हमें राज्य को किस ओर ले जाना है।