प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बहुप्रतीक्षित सुपौल-सरायगढ़-आसनपुर कुपहा कोसी महासेतु पुल पर ट्रेन परिचालन को हरी झंडी दिखाकर उसे राष्ट्र को समर्पित किया।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शुक्रवार को ट्रेन को हरी झंडी दिखाने के बाद प्रधानमंत्री ने कहा कि कोसी रेल महासेतु कोसी और मिथिलांचल की संस्कृति को जोड़ने वाला महासेतु है। पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का यह ड्रीम प्रोजेक्ट था।
पीएम मोदी ने बताया कि 2003 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने इसका शिलान्यास किया था, लेकिन पहले की सरकारों की उपेक्षा के कारण रेलखंड पर ट्रेन चलाने का मामला धीमा पड़ गया था। एनडीए के पहले कार्यकाल में इस परियोजना पर काम शुरू हुआ और दूसरे कार्यकाल में आज इस पर ट्रेन का परिचालन शुरू हो गया। इससे ना सिर्फ लोगों को आवागमन की सुविधा मिलेगी, बल्कि कोसी क्षेत्र में व्यापार, उद्योग और रोजगार को बढ़ावा मिलेगा।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने संबोधन में बिहार को कई नई रेल परियोजनाओं के सौगात पर प्रधानमंत्री के प्रति आभार जताते हुए मुंगेर के जमालपुर स्थित इंडियन रेलवे इंस्टिट्यूट ऑफ मैकेनिकल एंड इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग को फिर से शुरू कराने का आग्रह किया। कार्यक्रम को लेकर सुपौल स्टेशन पर लाइव प्रसारण की व्यवस्था की गई थी। मौके पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल, कई विधायक और पूर्व विधायक सहित भाजपा जदयू के नेता मौजूद थे।
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि करीब साढ़े आठ दशक पहले भूकंप की एक भीषण आपदा ने मिथिला और कोसी क्षेत्र को अलग-थलग कर दिया था. आज ये संयोग ही है कि कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के बीच इन दोनों आंचलों को आपस में जोड़ा जा रहा है. आज कोसी महासेतु होते हुए सुपौल-आसनपुर कुपहा के बीच ट्रेन सेवा शुरू होने से सुपौल, अररिया और सहरसा जिले के लोगों को बहुत लाभ होगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अटल जी की सरकार जाने के बाद इस प्रोजेक्ट की रफ्तार कम हो गई. अगर दूसरी सरकार को बिहार के लोगों की फिक्र होती और जो लोग तब रेल मंत्री थे उन्हें अगर चिंता होती तो काम पहले ही हो जाता. लेकिन वो ऐसा करना नहीं चाहते थे, पीएम बोले कि अगर दृढ़ निश्चय हो और नीतीश जैसा साथी हो तो सबकुछ संभव है.
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि 5-6 साल में हमने समस्याओं का हल ढूंढा है. 4 साल पहले उत्तर-दक्षिण बिहार को जोड़ने वाले दो महासेतु को शुरू किया गया. पीएम ने कहा कि भूकंप की आपदा ने मिथिला और कोसी को अलग किया था, आज कोरोना महामारी के बीच इन दोनों को फिर से जोड़ा जा रहा है. ये प्रोजेक्ट अटल जी और नीतीश बाबू का ड्रीम प्रोजेक्ट है.
पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि आत्मनिर्भर भारत के मिशन के तहत बिहार में रेल नेटवर्क को बढ़ाया जा रहा है और बिजलीकरण किया जा रहा है. पीएम ने बताया कि 2014 से पहले के पांच साल में सिर्फ सवा तीन सौ किमी. रेल लाइन शुरू हुई, लेकिन 2014 के बाद के पांच साल में 700 किमी. रेल लाइन कमीशन हो चुकी है. अभी भी एक हजार किमी. नई रेल लाइन का निर्माण हो रहा है.