सीएम नीतीश कुमार ने बैकुंठपुर में बने बंगरा घाट महासेतु का उद्घाटन किया. स्वतंत्रता दिवस से 3 दिन पहले बुधवार को मुख्यमंत्री ने जैसे ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस पुल को जनता के लिए खोला लोगों में खुशी की लहर दौड़ गयी. इस पुल के चालू हो जाने से करीब आठ लाख आबादी को सीधा फायदा मिलेगा. बता दें कि सारण को चंपारण और तिरहुत से जोड़ने वाला 1506 मीटर लंबा यह महासेतु है. इसके नर्माण पर 509 करोड़ की राशि खर्च हुई है और 15 मीटर चौड़ाई वाले इस पुल को बनाने में 6 साल 4 महीने लगे हैं.
पुल के चालू होने से 6 जिलों की करीब 8 लाख की आबादी के आवागमन में सहूलियत होगी. बंगरा घाट महासेतु में 36 स्पैन यानी पिलर है. इस महासेतु के मुजफ्फरपुर की ओर 8 किलोमीटर लंबा अप्रोच पथ है. जबकि छपरा की तरफ में 11 किलोमीटर लंबा अप्रोच पथ का निर्माण किया गया है. बिहार राज्य पुल निर्माण निगम के द्वारा इस महासेतु का निर्माण किया गया है जिसे एसपी सिंगला कम्पनी ने तैयार किया है.
अब तक सीएम नीतीश कुमार ने गंडक नदी पर गोपालगंज में तीन महासेतु का तोहफा दिया है जो सारण, चंपारण और तिरहुत प्रमण्डल को जोड़ता है. इस मौके पर बंगरा घाट महासेतु पर उद्घाटन शिविर में जदयू सांसद डॉ आलोक कुमार सुमन, भाजपा विधायक मिथिलेश तिवारी, पूर्व व जदयू प्रदेश महासचिव मंजीत सिंह, गोपालगंज डीएम अरशद अजीज सहित कई पदाधिकारी और जनप्रतिनिधि शामिल हुए.
यह पुल गोपालगंज जिले के बैकुंठपुर, महम्मदपुर, सिधवलिया, बरौली,मांझा, हथुआ, सीवान के नवीगंज, बसन्तपुर, भगवानपुर, सारण के बनियापुर, तरैया व मशरक सहित मुजफ्फरपुर के कई प्रखंड आपस में जुड़ जाएंगे। करीब 30 लाख की आबादी को सीधा लाभ होगा। उल्लेखनीय है कि बीते 16 जून को गोपालगंज जिले में ही बने सत्तरघाट पुल का सीएम नीतीश ने जनता को समर्पित किया था। 1440 मीटर लंबे सत्तरघाट पुल के निर्माण पर 263 करोड़ का खर्च हुए थे।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को गोपालगंज के बंगराघाट पुल का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उद्घाटन किया। उद्घाटन सुबह 11:30 बजे होना था। इससे पहले ही मंगलवार रात करीब 12:30 पुल की एप्रोच रोड बाढ़ के पानी में बह गई। करीब 50 मीटर सड़क टूटी, जिसे आनन-फानन में ठीक किया गया। उद्घाटन से करीब 30 मिनट पहले मरम्मत पूरी हुई। बंगरा घाट महासेतु की अप्रोच सड़क टूटने पर सियासत शुरू हो गई है. राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) नेता तेजस्वी यादव ने सीएम नीतीश कुमार से कई सवाल पूछे हैं.
तेजस्वी यादव ने कहा, ‘नीतीश कुमार ने वर्षों से 509 करोड़ की लागत से बन रहे बंगरा घाट पुल का अभी आनन-फानन में उद्घाटन कर दिया, लेकिन पुल की अप्रोच पथ टूटी हुई है. टूटे हुए पुलों, पथों और बांधों के उद्घाटन की इन्हें इतनी जल्दी क्यों है? उद्घाटन से पहले ही पथ टूटना इनके काले भ्रष्टाचार की पोल खोल रहा है?’
बिहार राज्य पुल निर्माण निगम के अधिकारी मौके पर मौजूद थे। बड़ी संख्या में मजदूर और 2 जेसीबी लगाकर सड़क को ठीक किया गया। जहां रोड टूटी वह इलाका सारण के सतजोड़ा बाजार के पास है।
6 साल में बना पुल
11 अप्रैल 2014 को मुख्यमंत्री ने 509 करोड़ की लागत से महासेतु परियोजना का शिलान्यास राजापट्टी में किया था। पुल के चालू होने से 6 जिलों की करीब 8 लाख की आबादी की आवाजाही में सहूलियत होगी। इससे गोपालगंज, सीवान और सारण से मुजफ्फरपुर की दूरी 55 किमी, दरभंगा की दूरी 65 किमी और जनकपुर की दूरी 70 किमी कम हो जाएगी।
पिछले महीने गोपालगंज में ही उद्घाटन के 29 दिन बाद एप्रोच रोड टूटी थी
गोपालगंज के बैकुंठपुर में पिछले महीने गंडक नदी पर बना पुल उद्घाटन के 29 दिन बाद ही बह गया था। यह पुल गंडक की सहायक नदी सोती पर बनाया गया था। 16 जून को इसका उद्घाटन किया गया था। इसकी लागत करीब 264 करोड़ रुपए बताई जा रही है। कंपनी वशिष्ठा ने यह पुल बनाया था।
बिहार सरकार ने दावा किया था कि गंडक नदी पर बना सत्तर घाट पुल नहीं टूटा है। गंडक नदी में पानी का दबाव गोपालगंज की ओर ज्यादा है। इस कारण पुल के एप्रोच रोड का हिस्सा कट गया था।