भारत में कोरोना संक्रमितों को दाखिल कराने के आरोपी जालिम मुखिया (Zalim Mukhiya) को नेपाल पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। नेपाल में जालिम मुखिया पर आरोप लगे हैं कि उसने जमातियों को पनाह दी थी। आरोप है कि रक्सौल सीमा पर भारतीय सुरक्षाकर्मियों ने पाकिस्तान, इंडोनेशिया और भारत के कुछ जमातियों को रोका था, लेकिन वे किसी तरह नेपाल की सीमा में प्रवेश कर गए थे।
नेपाली जिला पर्सा की गांव सभा जगरनाथपुर के प्रधान जालिम मुखिया को नेपाल पुलिस ने शनिवार को गिरफ्तार कर लिया है। दिल्ली के तबलीगी जमात में शामिल होकर लौटे जालिम मुखिया ने भारतीय व विदेशी सहित 24 तबलीगी जमातियों को छपकैया वार्ड नंबर 2 की मस्जिद व यतीमखाना की मस्जिद में रखा था। सूचना मिलते ही नेपाली पुलिस ने इनकी जांच की जिसमें 3 कोरोना संक्रमित पाए गए हैं।
संक्रमितों को नारायणी अस्पताल वीरगंज के आइसोलेशन में रखा गया है। यातीमखाना संचालन कमेटी के अली असगर मदनी उर्फ कालानाग व जगरनाथपुर गांव सभा के प्रधान जालिम मुखिया ने सभी जमातियों के रहने व खाने का बंदोबस्त किया था। जमातियों ने अस्पताल में कर्मचारियों व पुलिस से दुव्र्यवहार भी किया। 21 लोगों को स्थानीय सिद्धार्थ स्कूल में क्वारंटीन किया गया है।
बता दें कि इससे पहले खबर आई थी कि नेपाल के रास्ते कोरोना संदिग्धों को भारत में दाखिल कराने की साजिश रची जा रही है। मुस्लिम देशों से करीब 200 भारतीय मुस्लिम नेपाल पहुंचे हैं। इनमें से 40 से 50 मुस्लिम कोरोना के संदिग्ध पाए गए हैं, जो नेपाल के खेरवा, चंदबसरा की मस्जिद में रुके हुए हैं।
खुलासा ये हुआ है कि ये लोग बुखार कम करने के लिए पैरासिटामोल की टैबलेट्स ले रहे हैं। SSB ने कोरोना वाली इस साजिश को लेकर बिहार के बेतिया के डीएम और एसपी को अलर्ट कर दिया। एसएसबी ने जो चिट्टी लिखी, उसमें साजिश के पीछे नेपाल के पर्सा के मेयर जालिम मुखिया का नाम लिखा। जालिम मुखिया नेपाल की कम्यूनिस्ट पार्टी का नेता भी है, जिसपर पहले भी हथियारों की तस्करी का आरोप लगा है।