निर्भया गैंग रेप मामले के दोषियों को अब एक फरवरी को सुबह 6 बजे फांसी दी जाएगी. दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने नया डेथ वारंट जारी कर दिया है. शुक्रवार को ही दोषी मुकेश की दया याचिका राष्ट्रपति ने खारिज कर दी थी. इसके बाद कोर्ट ने इस मामले में नया डेथ वारंट जारी किया. कानून दोषी की दया याचिका खारिज होने के बाद उसे 14 दिन का समय दिया जाता है. शुक्रवार को पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई के दौरान सरकारी वकील इरफान ने कोर्ट को बताया गया है कि राष्ट्रपति ने दया याचिका खारिज कर दी है, लिहाजा कोर्ट नया डेथ वारंट जारी किया जाए. वकील ने कहा कि ऐसी सूरत में दोषी मुकेश की ओर से दायर अर्जी का अब कोई औचित्य नहीं रह जाता क्योंकि राष्ट्रपति दया अर्जी खारिज कर चुके हैं.
इस पर दोषी मुकेश की वकील वृंदा ग्रोवर ने कहा कि अभी तक कोई आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है. जीवन मरण के इस केस में मैं मीडिया रिपोर्ट पर भरोसा नहीं कर सकती. वृंदा ग्रोवर ने शिकायत की कि तिहाड़ जेल में उनके मुवक्किल मुकेश को लीगल इंटरव्यू के लिए इजाजत नहीं दी गई. कोर्ट ने इस पर नाराजगी के साथ तिहाड़ जेल अधिकारियों से पूछा कि ऐसा क्यों हुआ. बाकी तीन दोषियों के वकील एपी सिंह ने कहा कि उन्होंने जेल अधिकारियों से कुछ दस्तावेज मांगे थे, ताकि वो अपने मुवक्किलों की ओर से अपील दायर कर सके, लेकिन बार बार अनुरोध के बावजूद उन्हें वो दस्तावेज नही मिले है.
तिहाड़ जेल अधिकारियों ने कोर्ट को बताया कि मुकेश को दया याचिका राष्ट्रपति ने खारिज कर दी है.
इस बारे में ऑफिसियल कम्युनिकेशन कोर्ट को सौंपा गया. इस पर जज ने सवाल किया कि ऐसी सूरत में जब एक दोषी की दया याचिका खारिज हो चुकी है, बाकी दोषियों ने अभी कोई मर्सी पिटीशन (दया याचिका) दायर नहीं हुई है, क्या ये जानबूझकर लटकाने की कोशिश नहीं है. वकील एपी सिंह ने कहा कि तिहाड़ जेल से बार बार अनुरोध के बावजूद उनसे मांगे गए दस्तावेज नहीं मिले है, इसलिए अपील उनकी ओर से दायर नहीं हो पा रही है. एपी सिंहने कहा कि एक क्रिमिनल अपील दिल्ली हाईकोर्ट में लंबित है. हमने सुप्रीम कोर्ट में पवन के नाबालिग होने जा दावा वाली अर्जी दायर की है. वृंदा ग्रोवर ने भी दया याचिका खारिज होने के बाद उपलब्ध कानूनी राहत के विकल्पों के इस्तेमाल के लिए कुछ डॉक्यूमेंट दिए जाने की मांग तिहाड़ जेल से की. लेकिन कोर्ट ने इस मामले में एक फरवरी के लिए नया डेथ वारंट जारी कर दिया.
निर्भया मामले के एक और दोषी ने फंसाया नया पेंच
निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले में मौत की सजा पाने वाले पवन कुमार गुप्ता ने वारदात के समय नाबालिग होने का दावा करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। पवन ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। हाईकोर्ट ने दिसम्बर २०१२ में अपराध के समय उसके नाबालिग होने के दावे को खारिज कर दिया था। दोषी पवन कुमार गुप्ता ने हाईकोर्ट के १९ दिसम्बर के आदेश को चुनौती दी है जिसमें अदालत ने फर्जी दस्तावेज जमा करने और अदालत में हाजिर नहीं होने के लिए उनके वकील की निंदा भी की थी। ट्रायल कोर्ट द्वारा निर्भया के हत्यारों को एक फरवरी को सूली पर लटकाने के वारंट जारी करने के बाद पवन ने यह याचिका दायर की है। बता दें कि १६ दिसम्बर‚ २०१२ को राजधानी में निर्भया के साथ सामूहिक बलात्कार किए जाने के बाद उसे गंभीर हालत में फेंक दिया गया था। दिल्ली में इलाज के बाद उसे एयरलिफ्ट करके सिंगापुर के महारानी एलिजाबेथ अस्पताल ले जाया गया था जहां उसकी मौत हो गई थी। इस मामले के छह आरोपियों में से एक नाबालिग था जिसे सुधार गृह भेजा गया था। उसने वहां से सजा पूरी कर ली थी। एक आरोपी राम सिंह ने तिहाड़ जेल में फांसी लगा ली थी। चार अन्य दोषियों– पवन‚ मुकेश‚ अक्षय और विनय शर्मा को फांसी के लिए ब्लैक वारंट जारी किया जा चुका है।