पर्यावरण संकट से निपटने को प्रतिबद्ध मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को पश्चिमी चंपारण जिले के बगहा-दो प्रखंड के चंपापुर गांव से ‘‘जल-जीवन-हरियाली’ यात्रा की शुरुआत की। इस मौके पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने पर्यावरण संकट के प्रति आगाह करते हुए लोगों से कहा कि जल एवं हरियाली के बिना जीवन की परिकल्पना बेमानी होगी। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने रिमोट कंट्रोल के जरिये 1032 करोड़ रुपये की 841 योजनाओं का शिलान्यास एवं उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने हर यात्रा की शुरूआत पश्चिमी चंपारण से की है और आज भी हमने ‘‘जल-जीवन-हरियाली’ यात्रा इसी धरती से शुरू की है। इस अभियान का उद्देश्य पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरूक करना है। लोगों से प्रकृति को बचाने की अपील करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले समय को देखते हुए आज पर्यावरण का संरक्षण बहुत आवश्यक है। जलवायु परिवर्तन के कारण कई जगहों पर पर्यावरण में बदलाव हुआ, जिससे कई तरह की समस्याएं उत्पन्न हुई। कई जगहों पर कहीं अतिवृष्टि, तो कहीं सूखे जैसी स्थिति पैदा हुई। पहले 15 जून को ही बिहार में मॉनसून का आगमन हो जाता था और औसतन 1200 से 1500 मिलीमीटर वष्ापात हुआ करता था, जो घटते-घटते 900 मिलीमीटर के करीब पहुंच गया है। इससे निपटने के लिए सरकार कदम उठा रही है और लोगों से अपील है कि वे सरकार द्वारा उठाए जाने वाले इन कदमों में भी सहभागी बने। सीएम ने कहा कि झारखंड अलग होने के बाद बिहार में मात्र 9 प्रतिशत भाग वनाच्छादित था। वर्ष 2012 में बिहार की धरती पर कुल 24 करोड़ पेड़ लगाने का संकल्प लिया गया। अब तक 19 करोड़ पेड़ लगाये जा चुके हैं। आज इस अभियान के कारण वन की उपस्थिति बढ़कर 15 प्रतिशत तक हो गई है। बावजूद इसके इस 17 प्रतिशत करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जल संरक्षण के बारे में चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि धीरे-धीरे भू-जल का स्तर नीचे गिर रहा है। इसके बारे में यदि आज नहीं सोचा गया, तो आने वाला समय कठिन होगा। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी तालाब, पोखर एवं कुओं को अतिक्रमण से मुक्त कराकर उनका जीर्णोद्धार कराया जाएगा। इसके अलावा सार्वजनिक चापाकल को भी मेंटेन किया जायेगा। सभी सरकारी भवनों में जल संचयन की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष 13 जुलाई को विधान परिषद और विधानसभा के सभी सदस्यों के साथ मीटिंग कर यह राय ली गई थी की इन चुनौतियों से कैसे निपटा जाये। इसी बैठक के दौरान ‘‘जल-जीवन-हरियाली’ मिशन की शुरुआत करने का फैसला लिया गया। उन्होंने इस मिशन के नामकरण पर भी र्चचा की और बताया कि जल और हरियाली के बीच में ही जीवन संभव है। इस मिशन को नाम रखने के पीछे भी यह उद्देश्य छुपा है। उन्होंने जल जीवन हरियाली अभियान के तहत जीर्णोद्धार किये गये पड़री तालाब का भी निरीक्षण किया और पौधारोपण किया। इस दौरान उन्होंने मियावाकी तकनीक अपनाकर पौधारोपण कराने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि सरकार ने निर्णय लिया है कि 19 जनवरी 2020 को शराबबंदी के पक्ष में, दहेज प्रथा-बाल विवाह के खिलाफ एवं जल-जीवन-हरियाली अभियान को लेकर मानव श्रृंखला बनायेंगे। 19 जनवरी 2020 को मानव श्रृंखला में एक दूसरे का हाथ पकड़कर 45 मिनट तक पूरे बिहार के लोग दुनिया को जलवायु परिवर्तन में सुधार लाने का संदेश देंगे। मुख्यमंत्री ने इस कार्यक्रम में सभी से सहभागी बनने की अपील की। कार्यक्रम को प्रभारी मंत्री मदन सहनी, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री खुर्शीद उर्फ फिरोज आलम, सांसद बैद्यनाथ महतो, विधायक भागीरथी देवी, धीरेंद्र प्रताप सिंह, विनय बिहारी, पूर्व विधायक राजेश सिंह, प्रभात रंजन, मुख्य सचिव दीपक कुमार, डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय आदि ने भी संबोधित किया। अतिथियों का स्वागत प्रमंडलीय आयुक्त पंकज कुमार ने किया। जबकि धन्यवाद ज्ञापन जिलाधिकारी डॉ. निलेश रामचंद्रदेवरे ने किया।
Bihar CM @NitishKumar Holding a review meeting on Jal-Jivan-Hariyali Campaign at Bettiah. #NitishKumar #JalJivanHariyali #ClimateChange pic.twitter.com/105kSNGQ7D
— IPRD Bihar (@IPRD_Bihar) December 3, 2019
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पश्चिम चंपारण की यात्रा के दौरान स्थानीय एनएच के निर्माण में धीमी गति के लिए राज्य सरकार ने ठेकेदार पर कार्रवाई करते हुए उसे कार्य करने से रोक दिया। एनएच निर्माण कार्य में धीमी गति पर पथ निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता ने बार-बार पत्र लिखकर कार्य में गति लाने के लिए संवेदक को स्मरण दिलाया पर कार्य में गति नहीं आई। समय पर आवंटित कार्य पूरा नहीं हुआ। पथ निर्माण विभाग ने मंगलवार को आदेश जारी कर संवेदक पटेल इंजीनियरिंग लिमिटेड को प्रतिबंधित कर दिया है। पश्चिम चंपारण के एनएच 28 बी के चौड़ीकरण व सुदृढ़ीकरण का काम संवेदक का मिला था। यह राष्ट्रीय उच्च पथ परसौनी भाया बगहा नाका से गुजरता है। जारी आदेश के मुताबिक सड़क निर्माण में धीमी गति के लिए अधीक्षण अभियंता ने बार-बार संवेदक को पत्र लिखा पर कार्य की गति नहीं बढ़ाई गई। राष्ट्रीय उच्च पथ प्रमंडल ,मोतिहारी के कार्यपालक अभियंता के अनुसार 11 मई 2005 को कार्य पुरा हो जाना था। लिहाजा कार्य में अत्यंत धीमी प्रगति का हवाला देते हुए पटेल इंजीनियरिंग को डिबार कर दिया गया। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार फिलहाल पश्चिम चंपारण की यात्रा पर हैं और वहां वे स्थानीय योजनाओं की मॉनिटरिंग कर रहे हैं।
जल-जीवन-हरियाली यात्रा के दौरान पश्चिम चम्पारण के मंझौलिया प्रखंड स्थित परसा बरवा पंचायत के बघंवरपुर में बायोफ्लॉक विधि से किए जा रहे मत्स्य पालन का अवलोकन करते हुए। #JalJivanHariyalihttps://t.co/OfVU3Ro8UH pic.twitter.com/962dMAuSaJ
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मुख्यमंत्री ने खेतों में ही फसल अवशेष को जलाने पर चिंता जाहिर की। रोहतास, कैमूर, पटना, नालंदा के बाद अब उत्तर बिहार में भी लोग अपने खेतों में फसल अवशेष जलाने लगे हैं, जो पर्यावरण और मिट्टी की उर्वरा शक्ति के लिहाज से बहुत ही खतरनाक है। इससे सबको बचना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि फसल कटाई में कम्बाईन हाव्रेस्टर का त्याग कर रोटरी मल्चर, स्ट्रॉ रीपर, स्ट्रा बेलर एवं रीपर कम बाइंडर जैसे कृषि यंत्रों का इस्तेमाल करते हुए किसानों को प्रेरित करने की जरूरत है। इन यंत्रो की खरीद पर सरकार किसानों को 75 प्रतिशत, जबकि अनुसूचित जाति-जनजाति एवं अतिपिछड़ा समुदाय के किसानों को 80 प्रतिशत का अनुदान मुहैया करा रही है।जल-जीवन-हरियाली अभियान से फसल अवशेष प्रबंधन को भी जोड़ा जा रहा है। इन यंत्रों का उपयोग करने से खेतों में फसल अवशेष जलाने की नौबत नहीं आएगी।
जल-जीवन-हरियाली यात्रा के दौरान पश्चिम चंपारण जिले के बगहा-2 प्रखंड स्थित चम्पापुर में 1032 करोड़ रुपए की 841 योजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास करते हुए।#JalJivanHariyali https://t.co/NNp6F3mOk0 pic.twitter.com/da8o56atIm
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मुख्यमंत्री ने सात निश्चय योजना की र्चचा करते हुए कहा कि उनकी सरकार अगले साल तक पूरे बिहार में हर घर तक नल का जल उपलब्ध करा देगी। नल का जल शुद्ध एवं स्वच्छ पेयजल है, इसलिए इसका दूसरे कामों में दुरुपयोग न करें। इससे भूजल स्तर नीचे चला जायेगा और एक समय ऐसा आएगा कि भूजल खत्म हो जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने हर इच्छुक परिवार तक बिजली पहुंचाने का लक्ष्य दिसम्बर 2018 तक निर्धारित किया था, जिसे तय समय से दो माह पहले ही पहुंचा दिया गया। हर घर बिजली योजना को अपनाये जाने के बाद केंद्र ने अब वर्ष 2024 तक हर घर नल का जल पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। उन्हों ने कहा कि पूरे देश मे शौचालय निर्माण का काम भी तेजी से आगे बढ़ रहा है। लोगों को खुले में शौच से मुक्ति और पीने का यदि स्वच्छ पानी मिल जाये तो 90 प्रतिशत बीमारियों से उन्हें छुटकारा मिल जाएगा।