देशभर में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। बीते 24 घंटे में कोरोना के 37 हजार 379 नए मामले सामने आए हैं। इस दौरान 124 लोगों की मौत हुई है और 11 हजार 7 मरीज ठीक भी हुए हैं। इसके बाद पॉजिटिविटी रेट 3.24 प्रतिशत पहुंच गई है। एक्टिव केस की संख्या 1 लाख 71 हजार 830 है। अब तक 3 करोड़ 43 लाख 6 हजार 414 लोग ठीक हुए हैं। कोरोना से अब तक 4 लाख 82 हजार 17 लोगों की मौत हुई है।
बता दें, राजधानी दिल्ली में सोमवार को कोरोना के 4099 नए मरीज मिले थे, वहीं संक्रमण दर अब 6।46 फीसदी पहुंच गई है। दिल्ली में कोरोना के अभी 10,986 सक्रिय मामले हैं। पिछले 24 घंटे में दिल्ली में कोरोना टेस्टिंग की बात करें तो केवल 63477 टेस्ट किए गए हैं, जिसमें 57,813 RT-PCR टेस्ट और 5664 एंटीजन टेस्ट शामिल हैं। दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के ‘ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान’ के अंतर्गत लगातार 2 दिन संक्रमण दर 5 फीसदी से अधिक रहने पर ‘रेड अलर्ट’ की स्थिति बन जाएगी, जिसके तहत कर्फ्यू लागू होने साथ ही अधिकतर आर्थिक गतिविधियां भी रोक दी जाएंगी।
दिल्ली में 29 दिसंबर को कोरोना के 923 केस दर्ज हुए थे। इसके बाद 30 दिसंबर को 1313 केस, 31 दिसंबर को 1796 केस आए। लेकिन नया साल शुरू होते ही अचानक संख्या में बड़ा उछाल देखने को मिला। जनवरी को दिल्ली में 2796 केस आए, जबकि 2 जनवरी की रिपोर्ट में 3194 केस आए थे। ऐसा ही देश के अन्य राज्यों में भी हुआ।
महाराष्ट्र में कोरोना-
महाराष्ट्र में रविवार को कोरोना संक्रमण के 11 हजार 877 नए मामले सामने आए जो एक दिन पहले आए मामलों से 2 हजार 707 अधिक हैं। इसके साथ ही, ओमिक्रॉन के 50 मामले सामने आए। महाराष्ट्र में 9 मरीजों की भी मौत हुई। इसके साथ ही कोरोना से मरने वालों की संख्या 1 लाख 41 हजार 542 पर पहुंच गई है। महाराष्ट्र में अब 42 हजार 24 मरीज का इलाज चल रहा है। महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण के 11 हजार 877 मामलों में से 7 हजार 792 मामले सिर्फ मुंबई से सामने आए। मुंबई महानगरपालिका के अनुसार संक्रमण के 8,063 नए मामले आए। मुंबई क्षेत्र में संक्रमण के 10,394 मामले आए जो राज्य में संक्रमण के कुल मामलों का लगभग 90 फीसदी है।
दिल्ली में कोरोना वायरस का भयावह प्रकोप सामने आ रहा है। केजरीवाल सरकार के लाख दावों और प्रतिबंध के बावजूद अब मामले बेकाबू होते जा रहे हैं। एक तरफ पिछले 24 घंटे में 4 हजार से अधिक कोरोना के मामले दर्ज हुए हैं। वहीं, ओमिक्रॉन संक्रमण ने राजधानी के 10 में से 8 व्यक्ति को अपनी चपेट में ले लिया है। यानी दिल्ली में ओमिक्रॉन वेरिएंट से संक्रमितों की संख्या 81 फीसदी हैं। ये खुलासा करते हुए दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने मौजूदा हालात पर केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि अगर अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों पर समय पर प्रतिबंध लगाया गया होता तो ये हाल नहीं होता।
सत्येंद्र जैन ने बीते दिनों विधानसभा में कहा, “ओमिक्रॉन कोविड का एक प्रकार है जो विदेश से आया है और यदि समय पर उड़ानों पर प्रतिबंध लगा दिया जाता तो फैलाव को नियंत्रित किया जा सकता था, लेकिन केंद्र सरकार ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बार-बार अनुरोध के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की।”
उन्होंने कहा, “पिछले कुछ दिनों में, जीनोम सीक्वेसिंग की 187 रिपोर्टे आई हैं, और इन 187 नमूनों में से, कुल 152 लोग ओमिक्रॉन पॉजिटिव पाए गए। अब दिल्ली में ओमिक्रॉन के लगभग 81 प्रतिशत मामले हैं।” हालांकि, मंत्री ने कहा कि दिल्ली के अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या कम नहीं है। लगभग 96 प्रतिशत कोविड बिस्तर उपलब्ध हैं और इस समय केवल 4 प्रतिशत ही भरे हुए हैं।
उन्होंने कहा कि विदेश से दिल्ली हवाईअड्डे पर आने वाले लोगों की जांच की जा रही है और यदि वे संक्रमित पाए जाते हैं तो उन्हें आइसोलेशन सुविधाओं में भेजा जा रहा है और वहीं इलाज किया जा रहा है। उन्होंने दोहराया कि अस्पतालों में पर्याप्त संख्या में बिस्तर उपलब्ध हैं और घबराने की जरूरत नहीं है। उन्होंने अपील की, “कोरोना को रोकने का सबसे अच्छा तरीका है हर समय मास्क पहनना और हर समय कोविड से संबंधित सभी प्रोटोकॉल का पालन करना।”
उन्होंने कहा कि लगभग 100 प्रतिशत लोगों को पहली खुराक का टीका लगाया गया है और दिल्ली में लगभग 75 प्रतिशत लोगों को दूसरी खुराक का टीका लग चुका है। उन्होंने कहा, 15-18 वर्ष की आयु के बीच के बच्चों को आज से टीका लगाया जा रहा है। घबराने की कोई जरूरत नहीं है। वायरस के प्रसार को रोकने का एकमात्र तरीका यह है कि जब आप अपने घर से बाहर जा रहे हों तो हर समय हमेशा मास्क पहनें और हर समय कोविड से संबंधित सभी प्रोटोकॉल का पालन करें। रोकथाम इलाज से बेहतर है।