कुछ ही घंटे बाद कोलकाता नाइट राइडर्स और दिल्ली डेयर डेविल्स के बीच मुकाबला शुरू होने जा रहा है. और कोलकाता नाइट राइडर्स के करोड़ों समर्थक नारायण-नारायण का जाप कर रहे हैं. हालांकि, जाप दिल्ली के समर्थक भी कर रहे हैं, लेकिन दोनों टीमों के लिए वजह अलग-अलग हैं. केकेआर चाहती है कि आज फिर नारायण अपना पुराना जलवा दिखाएं. दूसरी तरफ, हालांकि दिल्ली डेयर डेविल्स के लिए कुछ राहत की बात है, लेकिन फिर भी यह कहना मुश्किल है कि गौतम गंभीर की टीम अपने सबसे बड़े दुश्मन से बच भी पाएगी या नहीं. वैसे आप समझ ही गए होंगे कि बात हम सुनील नारायण की कर रहे हैं.
विंडीज के इस गेंदबाज ने पता नहीं एकदम से क्या खा लिया है कि यह अब ओपनर बनकर सामने वाली टीम के गेंदबाजों जमकर सुतली खोल रहा है. कमाल है भाई, क्या कहने इनके! पुछल्ले से ओपनर बनने का गजब का उदाहरण. ओपनर भी बने, तो एकदम बखिया उधेड़ू. यह सही है कि नारायण ने 3 मैचों में 23.66 के औसत से सिर्फ 71 रन ही बनाए हैं, लेकिन गुजरी आठ तारीख को नारायण ने बेंगलोर का जो बैंड बजाया था, उससे गेंदबाज अभी भी थर्राए हुए हैं भाई साहब. सिर्फ 19 गेंदों में 5 चौकों और इतने ही छक्कों से 50 रन ठोक डाले थे. लेकिन दिल्ली के नारायम के सबसे बड़े दुश्मन बनने की वजह अलग ही है.
यह सही है कि केकेआर ने पिछले मैच में उन्होंने नंबर चार पर भेज दिया है, लेकिन बंदा है कि कहीं कसर नहीं छोड़ रहा. गेंदबाजी में ओभी 3 ओवरों में नारायण ने 3 विकेट चटकाए हैं. बस दिल्ली को थोड़ा लाभ यह जरूर मिलता दिख रहा है कि नारायण बदले एक्शन के बाद पहले जैसे रहस्यमी और खतरनाक नहीं रह गए हैं. लेकिन इतिहास और ‘नया संयोजन’ तो कुछ और कही कह रहा है.