मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पर्यावरण के दृष्टिकोण से जल विद्युत एवं सौर ऊर्जा को उपयोगी बताया और कहा कि डगमारा बहुउद्ेशीय जल विद्युत परियोजना के बन जाने से बिजली उत्पादन के साथ–साथ कई अतिरिक्त लाभ होंगे। मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को यहां एक‚ अणे मार्ग स्थित संकल्प में उनके समक्ष ऊर्जा विभाग द्वारा डगमारा बहुउद्ेशीय जल विद्युत परियोजना से संबंधित प्रस्तुतीकरण के दौरान कहा कि डगमारा बहुउद्ेशीय जल विद्युत परियोजना के बन जाने से बिजली के निर्माण के साथ–साथ कई अतिरिक्त लाभ होंगे। उन्होंने कहा कि पर्यावरण के दृष्टिकोण से जल विद्युत और सौर ऊर्जा उपयोगी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा‚ ‘हमें तटबंध के आसपास रहने वाले लोगों की सहुलियत को भी ध्यान में रखना होगा। मुख्य बांध की मजबूती और सुरक्षा के प्रति भी सतर्क रहना होगा। कोसी नदी में होने वाली गाद की समस्या पर भी ध्यान देना होगा।’ सीएम को ऊर्जा विभाग के सचिव संजीव हंस ने डगमारा परियोजना (१३० एमडब्ल्यू) की पृष्ठभूमि‚ ले–आउट‚ अतिरिक्त लाभ के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। ॥ उन्होंने बताया कि यह परियोजना सुपौल जिले के अंतर्गत कोसी बराज से नीचे और कोसी महासेतु से थोड़ा ऊपर बनाया जाएगा। विशेषज्ञों द्वारा अध्ययन कर इसकी डिजाईन तैयार की गयी है। यह बहुउद्ेशीय जल विद्युत परियोजना होगी।
मुख्यमंत्री ने बताया कि ‘यह प्रोजेक्ट सुपौल जिले के अंतर्गत कोसी बराज से नीचे और कोसी महासेतु से थोड़ा ऊपर बनाया जाएगा. विशेषज्ञों द्वारा अध्ययन कर इसकी डिजाइन तैयार की गई है. यह मल्टीपर्पस Hydro Power Project होगा.’
प्रस्तुतीकरण के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘डगमारा मल्टीपर्पस हाईड्रो पॉवर प्रोजेक्ट के बन जाने से बिजली के निर्माण के साथ-साथ कई अतिरिक्त लाभ होंगे. पर्यावरण के दृष्टिकोण से हाईड्रो पॉवर और सोलर एनर्जी उपयोगी हैं.’
उन्होंने कहा कि ‘हमें तटबंध के आसपास रहने वाले लोगों की सहूलियत को भी ध्यान में रखना होगा. मुख्य बांध की मजबूती और सुरक्षा के प्रति भी सतर्क रहना होगा. कोसी नदी में होने वाली गाद की समस्या पर भी ध्यान देना होगा.’
बैठक में ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव‚ मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह‚ मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार‚ मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार‚ ऊर्जा विभाग के सचिव संजीव हंस‚ मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा एवं अनुपम कुमार सहित ऊर्जा विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।