बिहार की राजधानी पटना के कोरोना हॉस्पिटल एनएमसीएच के कई वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं, जिसे नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी ट्वीट किया है और सरकार की व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं.
दरअसल, मनी सिंह राजपूत नाम के युवक ने ये वीडियो बनाए हैं. उसका कहना है कि कोरोना वार्ड में उसके पिता का इलाज चल रहा है, लेकिन वहां कोई देखनेवाला नहीं है. नर्स और मेडिकल स्टॉफ कोई जरूरत होती है, तो उसी से काम करवाते हैं.
बिहार की भयावह स्थिति देखिए। कोरोना वार्ड में 2 दिन से मृत मरीज़ों के शव रखे है। स्वस्थ मरीज़ बगल वाले बेड पर लेटे है। कोई डॉक्टर, नर्स और कर्मी नहीं है। परिजन देखभाल कर रहे है। डॉक्टर, नर्स और वेंटिलेटर मुख्यमंत्री आवास भेज दिए गए है चूँकि वहाँ भी 60 कोरोना पॉज़िटिव केस है। pic.twitter.com/ezvzdeEYIr
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) July 8, 2020
साथ ही वो गंभीर आरोप व्यवस्था पर लगाते हुए बोला कि दो दिन पहले कोरोना पीड़ित दो व्यक्तियों की मौत हो गई है, लेकिन उनके शव को अस्पताल के बेड पर ही छोड़ दिया गया है. उठाया नहीं गया है, ये एक बड़ा सवाल है कि आखिर 48 घंटे से कैसे किसी अस्पताल में बेड पर शव रह सकते हैं. जिसके आसपास कोरोना पीड़ित मरीज भर्ती है. युवक ने जो वीडियो बनाया है, उसकी पुष्टि जी मीडिया नहीं करता है, लेकिन तस्वीर बहुत भयावह है.
अगर स्थिति ये है, तो फिर व्यवस्था किस तरह से चौपट है इसका अंदाजा लगाया जा सकता है. अभी जब कुछ सौ मरीज ही राजधानी पटना में इलाज के लिए आये हैं, तब ये हालत है, तो जिस तरह से कोरोना का संक्रमण बढ़ रहा है, उसमें आगे क्या होगा. सवाल ये भी है कि कोरोना वार्ड में मेडिकल स्टॉफ को छोड़ कर किसी का भी जाना वर्जित है उसके बाद भी युवक कोरोना वार्ड में बिना फेस मास्क के वीडियो बना रहा है, जिससे साफ लगता है कि अस्पताल प्रबंधन की ओर से किसी तरह की व्यवस्था नहीं की गई है.
अगर ये वीडियो सही है, तो तमाम सवाल खड़े होते हैं, जिनका उत्तर सरकार और प्रशासन को देना चाहिये. आखिर जब कोरोना को लेकर जारी प्रोटोकॉल का पालन किये जाने की बात हो रही है, तो इतनी बड़ी गलती कैसे हो गयी. इसके लिए कौन से लोग जिम्मेदार हैं.
बहरहाल, इस मसले पर तेजस्वी यादव ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट किया है. तेजस्वी यादव ने लिखा है कि बिहार की भयावह स्थिति देखिए एनएमसीएच के कोरोना वार्ड में 2 दिन से मृत मरीज़ों के शव रखे है. स्वस्थ मरीज़ बगल वाले बेड पर लेटे है. कोई डॉक्टर, नर्स और स्वास्थ्यकर्मी नहीं है. परिजन देखभाल कर रहे है. डॉक्टर, नर्स और वेंटिलेटर मुख्यमंत्री आवास भेज दिए गए है चूंकि वहां भी 60 कोरोना पॉज़िटिव केस पाए गए है. सरकार चुनावी तैयारियों में व्यस्त है. हालात और अधिक गंभीर होने वाले है. 15 वर्षीय कुर्सीवादी सरकार के भरोसे मत रहिए, अपना ख्याल खुद रखिए.
वही एक अन्य वीडियो को ट्विट करते हुए तेजस्वी यदाव ने लिखा की 15 वर्षों के कथित विकास की साक्षात कहानी सुनिए और देखिए। गर्भवती महिला को एम्बुलेंस और सड़क नहीं होने के कारण खटिया पर अस्पताल ले ज़ाया जा रहा है। यह वीडियो 15 वर्षीय मुख्यमंत्री @NitishKumar जी के गृह ज़िला नालंदा का है जहां वर्षों से इनके MLA/MP है। विज्ञापनी सरकार अब कुछ कहे।
15 वर्षों के कथित विकास की साक्षात कहानी सुनिए और देखिए। गर्भवती महिला को एम्बुलेंस और सड़क नहीं होने के कारण खटिया पर अस्पताल ले ज़ाया जा रहा है। यह वीडियो 15 वर्षीय मुख्यमंत्री @NitishKumar जी के गृह ज़िला नालंदा का है जहां वर्षों से इनके MLA/MP है। विज्ञापनी सरकार अब कुछ कहे। pic.twitter.com/5CLVBD0nMu
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) July 9, 2020