17वीं लोकसभा का कार्यकाल भले ही करीब एक साल बचा हुआ है‚लेकिन राजनीतिक पार्टियों के साथ साथ केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने भी 18 वीं लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। चुनाव को लेकर मास्टर प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण का कार्य भी पूर्ण हो गया है। अब निवार्ची और सहायक निर्वाची पदाधिकारियों के प्रशिक्षित किया जायेगा। मतदाता सूची तैयार करने का कार्य भी युद्ध स्तर पर शुरू हो गया है।
सूत्रों से मिली जानकारी अब ७५ वर्ष के अधिक आयु वर्ग के मतदाताओं को मतदान केंद्रों पर जाने की आवश्यकता नहीं पड़े़गी। मतदानकर्मी ही वैसे मतदाताओं को घर–घर जाकर पोस्टल मतपत्र पर मतदान करायेंगे। सभी मतदान केंद्र स्तरीय पदाधिकारियों (बीएलओ) को ऐसे मतदाताओं की सूची तैयार करने का निर्देश दिया गया है। एक मतदान केंद्र पर १२०० से अधिक मतदाता नहीं होंगे। जिन मतदान केंद्रों पर १२०० से अधिक मतदाता होंगे वहां सहायक मतदान केंद्र बनाये जायेंगे। मतदान केंद्र सरकारी भवन में ही बनाये जायेंगे। आवश्यकता पड़़ने भी चलंत मतदान केंद्रों की स्थापना भी की जायेगी। सभी मतदान केंद्रों पर बिजली की सुविधा भी उपलब्ध करायी जायेगी। चुनाव तैयारी को लेकर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी एचआर श्रीनिवास की अध्यक्षता में तीन दिनों तक मास्टर ट्रेनरों को प्रशिक्षण दिया गया। यह प्रशिक्षण पटना में ही आयोजित किये गये। चुनाव में किस तकनीकि का इस्तेमाल किया जायेगा और किस तरह चुनाव कराये जायेंगे। इसका प्रशिक्षण दिये गये। अब नीचे के चुनाव कर्मियों को भी प्रशिक्षण दिया जायेगा।
माना जा रहा है कि १८वीं लोकसभा चुनाव समय से पहले भी कराया जा सकता है। क्योंकि अप्रैल–मई में बहुत की गर्मी रहती है जिससे मतदाताओं को घर से निकलने में की कठिनाई होती है। १७वीं लोकसभा का कार्यकाल १६ जून २०२४ को समाप्त हो रहा है। राजनीतिक पार्टियां भी दमखम के साथ चुनाव तैयारी में कूद पड़़ी हैं। भाजपा जहां केंद्र सरकार की नौ वर्षों की उपलब्धियों को लेकर जनता के बीच जा रही है। वहीं‚ विपक्षी दलों ने २३ जून २०२३ को पटना में बैठक कर राजनीतिक तापमान और बढ़ा दिया है। मालूम हो कि १७वीं लोकसभा की पहली बैठक १७ जून २०१९ को हुई थी।