पटना यूनिवर्सिटी में छात्र संघ चुनाव की मतगणना पूरी हो गई है। तीन राउंड की गिनती के बाद अध्यक्ष पद पर छात्र JDU के आनंद मोहन विजयी रहे। महासचिव को छोड़ सेंट्रल पैनल के चारों पदों पर JDU ने कब्जा किया है। उपाध्यक्ष के लिए विक्रमादित्य, सचिव पद पर संध्या और कोषाध्यक्ष पद पर रविकांत को जीत मिली है। महासचिव पद पर ABVP के विपुल की जीत हुई है। मतगणना लगभग 8 घंटे चली। वोटों की गिनती शनिवार शाम 7:30 बजे शुरू हुई और परिणाम की घोषणा रविवार सुबह 3:30 बजे हुई।
2018 के बाद छात्र जदयू का छात्र संघ में अध्यक्ष होगा। पहली बार किसी पार्टी को सेंट्रल पैनल में फुल बहुमत मिला है। जदयू ऐसे ही पहली पार्टी है जिसके चार सदस्य पहली बार सेंट्रल पैनल में होंगे।
आनंद मोहन ने अध्यक्ष पद पर 1360 वोट से जीत दर्ज की। वहीं उपाध्यक्ष पद के लिए जदयू के विक्रमादित्य ने ABVP की प्रतिभा को 1 हजार वोट से हराया। वहीं सचिव पद पर 2062 वोट से संध्या कुमारी की जीत हुई है। कोषाध्यक्ष पद पर भी छात्र जदयू के रविकांत ने 964 वोट से जीत दर्ज की है।
AISA ने कुलपति को घेरा
दूसरे राउंड की गिनती के बाद चारों पदों पर छात्र जदयू के उम्मीदवार ही आगे थे। इससे पहले काउंटिंग सेंटर पर PU के VC गिरीश चौधरी पहुंचे। सेंटर से निकलते ही उनकी गाड़ी पर AISA ने हमला कर दिया। पहले गाड़ी को घेरा, फिर डंडा और मुक्का चलाया। कुलपति के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। वहीं राउंड वाइज आंकड़ा बताने को लेकर छात्र राजद ने हंगामा किया। जिसके बाद पुलिस की ओर से लाठीचार्ज किया गया। सिन्हा लाइब्रेरी रोड पर संट्रेल रेवेन्यू कॉलोनी के सामने छात्र राजद के सदस्य जबरन बैरिकेडिंग तोड़ कर काउंटिंग स्थल पर जाने के लिए अड़े थे। काफी देर से बहस चल रही थी। उसी बीच भिड़ में से एक ने महिला सिपाही के ऊपर पटाखा फेंक दिया। जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। आइसा से अध्यक्ष पद के उम्मीदवार आदित्य को हल्की चोट लगी।
छात्र संघ चुनाव में मतदान से लेकर मतगणना तक में लगातार बवाल देखने को मिला. जहां मतदान के दौरान पटना कॉलेज में उपद्रवियों ने फायरिंग और पथराव किया वहीं आर्ट कॉलेज स्थित मतगणना केंद्र के पास भी पूरी रात हंगामा और बवाल होता रहा. जैसे-जैसे रुझान आते गए छात्रों का हंगामा, बमबाजी और पथराव देखने को मिला. छात्रों ने यहां तक कि वीसी की गाड़ी पर भी पथराव किया हालाकि सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें सुरक्षित भीड़ से निकाल लिया. मतगणना केंद्र पर भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई थी जिससे उपद्रवियों को हंगामा और पथराव के दौरान कई बार पुलिस को खदेड़ना पड़ा और लाठियां भी चलानी पड़ी.
बमबाजी के साथ साथ छात्रों ने कई राउंड फायरिंग भी की. जीत के बाद सभी विजेता प्रत्याशियों को पीयू वीसी गिरीश कुमार चौधरी ने जीत का प्रमाण पत्र देते हुए बधाई दी और सभी अधिकारियों से लेकर पुलिसकर्मियों ने चैन की सांस ली. मतगणना का काम 12 घंटे तक चला और काउंटिंग स्थल का मतगणना के दौरान लगातार डीएम से लेकर एसएसपी तक निरीक्षण करते दिखे. पटना विश्विद्यालय छात्र संघ चुनाव का परिणाम कुल मिलाकर महागठबंधन की सरकार में सीएम नीतीश का पीयू में रहा जलवा तो उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का नहीं चला जादू.
अध्यक्ष पद पर आनंद मोहन, उपाध्यक्ष पद पर विक्रमादित्य सिंह, महासचिव पद पर विपुल कुमार, संयुक्त सचिव पद पर संध्या कुमारी, कोषाध्यक्ष पद पर रविकांत निर्वाचित हुए.
काउंटिंग सेंटर पर SSP मानवजीत सिंह ढिल्लों भी पहुंचे थे। SSP ने कहा कि पटना कॉलेज मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कर लिया गया है। इसके साथ ही अगले 7 दिनों के हालात को देखते हुए पटना कॉलेज और पटना यूनिवर्सिटी कैंपस में लगातार 7 दिनों तक पुलिस गश्त करेगी। इस दौरान यहां भारी संख्या में पुलिस की तैनाती की जाएगी।
वहीं डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह ने भी बताया कि पटना कॉलेज बवाल पर उन्होंने कहा कि पूरे मामले की जांच चल रही है। फॉलोअप के बाद सभी दोषियों पर कार्रवाई होगी।
बता दें पिछली बार भी सुबह लगभग 3-4 बजे तक वोटों की गिनती चली थी। इस बार 5 पदों के लिए 5 काउंटिंग हॉल निर्धारित किए गए थे। इससे पहले मतदान खत्म होने तक 54.53% वोटिंग हुई। वहीं, 2019 में 58.58% वोटिंग हुई थी। वोटिंग के दौरान साइंस कॉलेज में राजद-जाप समर्थकों में मारपीट हो गई तो पटना कॉलेज में 5 से 6 राउंड गोली चलाई गई। वहीं पटना वीमेंस कॉलेज में रसगुल्ले को लेकर जमकर हंगामा हुआ। छात्र संघ चुनाव को लेकर यूनिवर्सिटी में कुल 51 बूथ बनाए गए थे। चुनाव में कुल 306 बैलट बॉक्स का इस्तेमाल किया गया। पटना यूनिवर्सिटी में छात्र संघ चुनाव के लिए पिछले कुछ दिनों से लगातार चुनाव प्रचार किया जा रहा था। उम्मीदवार हाथों से बैनर-पोस्टर बनाकर छात्रों के बीच जा रहे थे और वोट देने की अपील कर रहे थे।
पटना विश्वविद्यालय में साल 1984 के बाद छात्र संघ के 4 चुनाव हो चुके हैं। 28 साल के बाद 2012 में हुए चुनाव में छात्रों का उत्साह कम था। 2012 में मात्र 35% वोट ही पड़े थे। जैसे-जैसे छात्रों में चुनाव को लेकर समझ बढ़ी, वोटिंग प्रतिशत भी बढ़ता गया। यहां तक कि आखिरी बार साल 2019 में हुए चुनाव में 58.58 फीसदी वोट डाले गए थे। इन चुनावों में पटना वीमैंस कॉलेज और मगध महिला कॉलेज में सबसे ज्यादा वोट पड़ते रहे हैं। वीमैंस कॉलेज टॉप पर रहा है।